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हौंसला बढ़ाने वाली प्रेरक कहानियाँ Best Inspirational Stories in Hindi


दोस्तों जब हौसलें बुलंद हो तो संसार का कोई भी काम किया जा सकता है। हमारे हौसले हमारे काम करने की काबिलियत को और भी मज़बूती प्रदान करते है। इसका सीधा सा मतलब यह है कि आपका हौसला जितना ज्यादा बुलंद होगा, सफलता (successful) उतनी ही जल्दी मिलेगी। आज कुछ रोचक और प्रेरणास्रोत (inspirational stories) कहानियो को आपके लिए लेकर आया हूँ, जो आपके हौसले बुलंद करने में मिल का पत्थर साबित होंगी। ये चार छोटी-छोटी कहानियां inspirational stories है, जो आपके मनोरंजन के साथ साथ आपके कार्य करने की शक्ति में वृद्धि के लिए प्रेरणादायक सिद्ध होंगी। 

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Short Motivational Story in Hindi

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नेपोलियन - जज़्बे की कहानी 

नेपोलियन अक्सर जोखिम (risky) भरे काम किया करते थे। एक बार उन्होने आलपास पर्वत को पार करने का ऐलान किया और अपनी सेना के साथ चल पढे। सामने एक विशाल और गगनचुम्बी पहाड़ खड़ा था जिसपर चढ़ाई करने असंभव था। उसकी सेना मे अचानक हलचल की स्थिति पैदा हो गई। फिर भी उसने अपनी सेना को चढ़ाई का आदेश दिया। पास मे ही एक बुजुर्ग औरत खड़ी थी। उसने जैसे ही यह सुना वो उसके पास आकर बोले की क्यो मरना चाहते हो। यहा जितने भी लोग आये है वो मुह की खाकर यही रहे गये।
अगर अपनी ज़िंदगी से प्यार है तो वापिस चले जाओ। उस औरत की यह बात सुनकर नेपोलियन नाराज़ होने की बजाये प्रेरित हो गया और झट से हीरो का हार उतारकर उस बुजुर्ग महिला को पहना दिया और फिर बोले; आपने मेरा उत्साह दोगुना कर दिया और मुझे प्रेरित किया है। लेकिन अगर मै जिंदा बचा तो आप मेरी जय-जयकार करना।
उस औरत ने नेपोलियन की बात सुनकर कहा- तुम पहले इंसान हो जो मेरी बात सुनकर हताश और निराश नहीं हुए।जो करने या मरनेऔर मुसीबतों का सामना करने का इरादा रखते है, वह लोग कभी नही हारते।

कहानी से सीख -

इस कहानी (inspirational stories) से सिख मिलती है की हर काम को करने में मुश्किलें आती है, लेकिन अगर आपके अंदर जोश और लक्ष्य (Goal) को पाने का ज़ज़्बा है, तो उसे आसानी से हासिल किया जा सकता है। किसी भी लक्ष्य (goal) की कठिनाई या आसानी से नहीं बल्कि इंसान के हौसले से लक्ष्य (goal) पर हार या जीत पाया जाता है। 

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बाज का शिकार- 

बाज के बच्चे ने अभी-अभी उड़ना सीखा था। उत्साह से भरा होने के कारण वह हर किसी को भी अपनी कलाबाजियां दिखाने में लगा था। तभी उसने पेड़ के नीचे एक सूअर के बच्चे को भागते हुए देखा। ” माँ वो देखो सूअर, कितना स्वादिष्ट होगा ना, मैं अभी उसका शिकार करता हूँ। ” बाज के बच्चे ने कहा। 
“नहीं बेटा अभी तुम इसके लिए तैयार नहीं हो, सूअर एक बड़ा शिकार है, तुम चूहे से शुरुआत करो.” माँ बोलीं। बाज का बच्चा आज्ञाकारी था, उसने फ़ौरन माँ की बात मान ली और जल्दी ही उसने बड़ी कुशलता के साथ चूहों का शिकार करना सीख लिया। अब उसका आत्मविश्वास बहुत बढ़ चुका था।  वह अपनी माँ के पास गया और फिर से सूअर का शिकार करने के लिए कहने लगा। “अभी नहीं बेटा, पहले तुम खरगोश का शिकार करना सीखो” माँ ने समझाया। 
कुछ ही दिनों में बाज ने खरगोशों का शिकार करना भी सीख लिया. उसे पूरा यकीन था कि अब वो अपने पहले लक्ष्य सूअर को ज़रूर मार सकता है…और इसी की आज्ञा लेने वह माँ के पास पहुंचा. पर इस बार भी माँ ने उसे मना कर दिया और पहले मेमने का शिकार करने को कहा. बाज जल्दी ही मेमनों का शिकार करने में पारंगत हो गया. फिर एक दिन वह अपनी माँ के साथ यूँही डाल पर बैठा था कि एक सूअर का बच्चा उधर से गुजरा… बाज ने अपनी माँ की ओर देखा…माँ मुस्कुराई और सूअर पर झपट पड़ने का इशारा किया. बाज ने फ़ौरन नीचे की ओर उड़ान भरी और उस दिन उसने पहली बार अपना मनपसंद खाना खाया.
दोस्तों, सोचिये अगर माँ ने पहली बार में ही उसे सूअर का शिकार करने को कह दिया होता तो क्या होता?
नन्हा बाज निश्चित तौर पर असफल हो जाता…और संभव है उसका
कहानी से सीख -
ये कहानी (inspirational stories) हमें अपने बड़े
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मेंढकों की टोली- विश्वास और सोच की कहानी 
एक मेंढकों की टोली जंगल के रास्ते से जा रही थी. अचानक दो मेंढक एक गहरे गड्ढे में गिर गये. जब दूसरे मेंढकों ने देखा कि गढ्ढा बहुत गहरा है तो ऊपर खड़े सभी मेढक चिल्लाने लगे ‘तुम दोनों इस गढ्ढे से नहीं निकल सकते, गढ्ढा बहुत गहरा है, तुम दोनों इसमें से निकलने की उम्मीद छोड़ दो.
उन दोनों मेढकों ने शायद ऊपर खड़े मेंढकों की बात नहीं सुनी और गड्ढे से निकलने की लिए लगातार वो उछलते रहे. बाहर खड़े मेंढक लगातार कहते रहे ‘ तुम दोनों बेकार में मेहनत कर रहे हो, तुम्हें हार मान लेनी चाहियें, तुम दोनों को हार मान लेनी चाहियें. तुम नहीं निकल सकते. गड्ढे में गिरे दोनों मेढकों में से एक मेंढक ने ऊपर खड़े मेंढकों की बात सुन ली, और उछलना छोड़ कर वो निराश होकर एक कोने में बैठ गया. दूसरे  मेंढक ने  प्रयास जारी रखा, वो उछलता रहा जितना वो उछल सकता था.
बहार खड़े सभी मेंढक लगातार कह रहे थे कि तुम्हें हार मान लेनी चाहियें पर वो मेंढक शायद उनकी बात नहीं सुन पा रहा था और उछलता रहा और काफी कोशिशों के बाद वो बाहर आ गया.  दूसरे मेंढकों ने कहा ‘क्या तुमने हमारी बात नहीं सुनी.उस मेंढक ने इशारा करके बताया की वो उनकी बात नहीं सुन सकता क्योंकि वो बेहरा है सुन नहीं सकता, इसलिए वो किसी की भी बात नहीं सुन पाया. वो तो यह सोच रहा था कि सभी उसका उत्साह बढ़ा रहे हैं.
कहानी से सीख -
जब भी हम बोलते हैं उनका प्रभाव लोगों पर पड़ता है, इसलिए हमेशा सकारात्मक (positive) बोलें.  लोग चाहें जो भी कहें आप अपने आप पर पूरा विश्वाश रखें और सकरात्मक सोचें (positive thinking). कड़ी मेहनत (hard work), अपने ऊपर विश्वाश और
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चील और मुर्गी- भरोसे की कहानी 
एक जंगल में बरगद का पेड़ था. उस पेड़ के ऊपर एक चील घोंसला बनाकर रहती थी जहाँ उसने अंडे दे रखे थे. उसी पेड़ के नीचे एक जंगली मुर्गी ने भी अंडे दे रखें थे. एक दिन उस चील के अंडों में से एक अंडा  नीचे गिरा और मुर्गी के अंडों में जाकर मिल गया.
समय बीता अंडा फूटा और चील का बच्चा उस अंडे से निकला और वह यह सोचते बड़ा हुआ की वो एक मुर्गी है. वो मुर्गी के बांकी बच्चों के साथ बड़ा हुआ. वह उन्ही कामों को करता जिन्हें एक मुर्गी करती है. वो मुर्गी की तरह ही कुड़कुड़ाता, जमीन खोद कर दाने चुगता और वो इतना ही ऊँचा उड़ पाता जितना की एक मुर्गी उड़ती है.
एक दिन उसने आसमान में एक चील को देखा जो बड़ी शान से उड़ रही थी. उसने अपनी मुर्गी माँ से पूछा की उस चिड़िया का क्या नाम है जो इतना ऊँचा बड़ी शान से उड़ रही है. मुर्गी ने जबाब दिया वह एक चील है. फिर चील के बच्चे ने पूछा माँ मैं इतना ऊँचा क्यों नहीं उड़ पाता। मुर्गी बोली तुम इतना ऊँचा नहीं उड़ सकते क्योंकि तुम एक मुर्गे हो. उसने मुर्गी की बात मान ली और मुर्गे की जिंदगी जीता हुआ एक दिन मर गया.
कहानी से सीख-
जो भी हम सोचते हैं या कुछ नया करने की कोशिश करते हैं तो दूसरे हमें यह कहकर रोकते हैं कि तुम ऐसा नहीं कर सकते, ऐसा नहीं हो सकता और हम अपना इरादा यह सोचकर बदल लेते हैं कि वाकई मैं यह नहीं कर सकता और हार मान लेते हैं. इसका मुख्य कारण है अपने ऊपर भरोसा न होना, अपनी शक्तिओं पर भरोसा न होना, अपने काम पर भरोसा न होना. दोस्तों जो लोग कहते हैं कहने दीजिए लोगों का काम है कहना, अपने आप पर भरोसा रखें, अपने आप को पहचाने. दोस्तों हमेशा याद रखियेगा-
अगर जीत निश्चित हो तो कायर भी लड़ जाते हैं, 
बहादुर वो कहलाते हैं, जो हार निश्चित हो फिर भी मैदान नहीं छोड़ते।
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दोस्तों मुझे पूरा विश्वास है कि ये (inspirational stories)आपको ज़रूर पसंद आयी होंगी।  साथ ही इन कहानियो (inspirational stories) से  कुछ न कुछ ज्ञान अर्जित किया ही होगा।  इसी तरह की मनोरंजक और ज्ञानवर्धक अन्य कहानियां (inspirational stories) भी हमारे इसी वेबसाइट पर लिखे गए है। जिन्हे आप पढ़ कर ज्ञान हासिल कर सकते है। दोस्तों कोई सुझाव हो तो कमेंट ज़रूर करें। इस तरह की आपके पास भी कहानियां (inspirational stories) है तो मुझे ज़रूर मेल (mauryaram45@gmail.com) माध्यम से भेजे।  अगर अच्छा लगा तो आपके नाम से यहाँ ज़रूर पब्लिश करूँगा. 

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