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ख़ुशियों का रहस्य secrets of happiness

secrets of happiness /ख़ुशियों का रहस्य
secrets of happiness /motivational articles in hindi / secret of happiness story




आज का इस  खूबसूरत आर्टिकल की शुरुआत करते है कबीर दास के एक प्रसिद्ध दोहे से -

"कस्तूरी कुण्डल बसे मृग ढूंढत  वन माहि,ज्यों घट-घट में राम है दुनिया देखत नाहि। "

इस दोहे का संबंध आज के इस आर्टिकल खुशियों का रहस्य (secrets of happiness) से कितना बड़ा सम्बन्ध है इसे अपने एक छोटे से कहानी के बाद में बताएँगे। सबसे पहले बात करता हु की मैंने इस आर्टिकल को खूबसूरत क्यों कहा ? इसका कारण यह है की अगर दुनिया में किसी के लिए भी कुछ अमूल्य और खूबसूरत है, तो वो है सिर्फ और सिर्फ जीवन में खुशहाली है । जी हाँ दोस्तों ! जिसे हम खरीद नहीं सकते। इस अमूल्य और खूबसूरत पल को सिर्फ महसूस किया जा सकता है। लेकिन देखा जाये तो दुनिया में लगभग 60 प्रतिशत लोग इस अनुभव को प्राप्त ही नहीं कर पा रहे है। इस अनुभव को कैसे प्राप्त करे आज के इस आर्टिकल आर्टिकल को ज्यादा लम्बा न करते हुए एक छोटी सी घटना के माध्यम से आपको आजके आर्टिकल जो की secrets of happiness के ऊपर है को समझाने का प्रयास करता हु। 


एक बार एक क्लास में एक प्रोफेसर अपने छात्रों को पढ़ा रहे थे की उनमे से एक छात्र ने अपने प्रोफेसर से सवाल किया - "जीवन में ख़ुशी का राज क्या ? या फिर हम कैसे खुश रह सकते है ?"

इस पर प्रोफेसर ने कहा-"ठीक है लेकिन मै उससे पहले आपको कुछ  दिखाता हु।" फिर प्रोफेसर ने एक कांच का जार लिया उसे अपने टेबल पर रख दिया और उसने प्लास्टिक की छोटी छोटी बॉल को डालने लगे। जब जार पूरा बाल से भर गया तो प्रोफेसर ने छात्रों से पूछा -"बताइये की जार भर गया या अभी खाली है।"  तो छात्रों ने जवाब दिया - " जार भर गया है। "

फ़िर प्रोफेसर मुस्कुराये और उन्होंने जार में  छोटे – छोटे कंकर भरने शुरु किये. धीरे – धीरे जार  को हिलाया तो काफ़ी सारे कंकर खाली बची जगह में समा गये

फ़िर से प्रोफेसर ने पूछा , क्या अब जार भर गया या नहीं?

सभी एक बार फ़िर तेज स्वर में कहाँ – जी हाँ

अब प्रोफेसर ने एक रेत की थैली उठाई और  धीरे धीरे उस जार  में रेत डालना शुरु कर दिया  , जहाँ जहाँ जगह बची थी वहां रेत समा गई.

अब छात्र अपनी नादानी पर हँसे …

फ़िर प्रोफेसर ने छात्रों से पूछा , अब आप सबका क्या कहना है? अब तो यह जार पूरी तरह भर गया या नहीं?
सभी ने एक स्वर में जोर से कहा -अब तो यह पूरी तरह से भर गई है ..

प्रोफेसर ने मेज के नीचे से  पानी की बोतल निकाली और उस जार में पानी डालना शुरू कर दिया. पानी भी रेत के बीच में स्थित  थोडी सी जगह में सोख लिया गया.
प्रोफेसर मुस्कुराये और उन्होंने वहां बैठे छात्रों को  इन सबका का मतलब समझाना शुरु किया।

इस काँच के जार को आप सभी अपना जीवन (life) समझो ….

उस जार में पड़ी प्लास्टिक की सभी गेंदें आपकी जीवन  का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा यानि की  आपका परिवार (family), बच्चे, दोस्त, स्वास्थ्य और शौक हैं। 

छोटे कंकर का मतलब ये आपकी नौकरी, बड़ा मकान, बड़ी गाड़ी बड़ा टीवी, AC आदि हैं। और उस रेत का मतलब है आपकी लाइफ की  छोटी–छोटी बेकार बातें जैसे की लालच, जलन, मनमुटाव, झगडे़  आदि है। 

अब अगर आपने, अपने इस जीवन रूपी जार में सबसे पहले रेत भरी होती तो प्लास्टिक की गेंदों और कंकरों के लिये तो थोड़ी सी जगह भी नहीं बचती। और अगर सबसे पहले कंकर भर दिये होते तो आप इसमें गेंदें नहीं भर पाते लेकिन हाँ रेत जरूर आ सकती थी। 
ठीक यही बात आपके जीवन पर भी लागू होती है …

अगर आप सभी अपनी लाइफ में दुसरो से जलते रहेंगे या  छोटी–छोटी बातों के पीछे झगड़ते रहोगे तो आप ना ही खुश (happy) रह सकते है और ना ही संतुष्ट (satisfy).

मन से  सुखी रहने के लिये जरूरी है की आप अपने दोस्तों और परिवार वालो के साथ समय बिताए और वह करें जिसे करने पर आपको ख़ुशी मिलती है। प्लास्टिक की गेंदों की फ़िक्र सबसे पहले कीजिये क्योंकि आपकी लाइफ के लिए वही सबसे ज्यादा जरुरी  है… बाकी सब तो रेत है।

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अब बात करते है ऊपर लिखे कबीर दास के एक प्रसिद्ध दोहे के बारे में। 

जिस प्रकार से एक कस्तूरी हिरन जंगल में कस्तूरी की सुगंध की खोज में भागा फिरता रहता है जबकि वो सुगंध तो उसके अंदर मौजूद कस्तूरी से आती रहती है। परन्तु ये उस हिरन को पता नहीं होता है। दरअसल में वो हिरन जान ही नहीं पता है की जिस कस्तूरी की खोज में पुरे जंगल में भागा फिरता रह रहा है वह तो उसके अंदर ही है। 

ठीक उसी प्रकार से मेरे दोस्त हम लोग अपने जीवन में खुशियों को सांसारिक भोग विलास की वस्तुओ और इधर उधर के लोगो के पास ढूंढते रहते है, उसे पाने के लिए परेशान रहते है, हमेशा चिंतित रहते है। कभी समझ ही नहीं पते है की असली ख़ुशी या खुशियों का रहस्य (secrets of happiness) तो हमारे पास ही है, हमारे अपनों से है, हमारे अपने विचारो से है। 

यह छोटा से मन्त्र ही हम सबकी जिन्दगी में SECRET OF HAPPINESS है. लेकिन आप इसे कैसे समझते है यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. HAPPINESS को ख़रीदा नहीं जा सकता है. सब कुछ आपके हाथ में ही है. 


इस छोटी सी कहानी और कबीर के दोहे में बहुत बड़ी बात छिपी हुई है। अब आपका नजरिया तय करेगा की क्या आप अपने जीवन के रहस्य को कैसे देख पाते है। जब आप  रहस्य को ढूंढ लेते है उसी दिन से आपके जीवन में खुशियाँ आना प्रारम्भ कर देंगी।  तो फिर देर किस बात का ? किसका इंतज़ार कर रहे है? थोड़ा सा अपने दिमाग में मंथन कीजिए की आपके लिए दुःख का कारण क्या बना हुआ है?  आपकी सोच कहा रुकी हुई है?  किस कारण से आप अपनी खुशियों के पास तक नहीं पहुंच पा रहे है? अपने अंदर के रहस्य तक पहुंचने के रास्ते में जो अड़चने आये उसे उखाड़ फेकिये। 

दोस्तों आशा करता हु की ये छोटा सा आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा। अगर पसंद आया तो अपने अन्य दोस्तों और साथियो को भी भेजे जिससे वो लोग भी अपने जीवन में खुशियों का  आनंद ले सके। साथ ही एक अनुरोध भी है की कमैंट्स जरूर करे।  अपने विचार जरूर व्यक्त करे। फ्री में subscribe करे जिससे नए आर्टिकल की जानकारी आपके पास नोटिफिकेशन के जरिये पहुँचती रहेगी। 

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