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नेकी का फल पलट कर आती है | Kindness is never wasted

आज ज़माने की इस दौर में दूसरे की मदद करना सब लोग भूल से चुके है।  कोई किसी की मदद के लिए आगे नहीं आता है।  कोई मुसीबत में हो तो बस वीडियो बनाने और फोटो खींचने में लग जाते है लेकिन मदद करने का हाँथ नहीं बढ़ाते है।  ऐसे लगता है जैसे की मानवता नाम की चीज़ ही गायब हो चुकी है। लेकिन जो सुकून किसी की मदद करके मिलती है उसका मूल्याङ्कन करना मुश्किल होता है।  जब आप किसी की मदद यानि नेकी करते है तो वो किसी न किसी रूप में आपके पास आपकी भलाई के रूप में वापस जरूर आएगी।  जिसकी मदद करते है उसकी दुआए सदा आपके सफलता के काम आती रहेगी।  इसलिए हम सब को जरूर मदद करनी चाहिए। इस आर्टिकल से सम्बंधित एक कहानी बताने जा रहा हूँ जो ये दिखाता है की नेकी का फल पलट कर आपके पास जरूर आती है। 

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यह सच्ची कहानी सन 1887 में स्कॉटलैंड की है। एक किसान था जिसका नाम फ्लेमिंग था। एक दिन वह किसानी कर रहा था तभी किसी बच्चे के रोने की आवाज आई । जब फेमिंग ने वहा जाकर देखा तो पाया किसी बच्चा दलदल में फस गया था। उस किसान ने उसे अपनी जान जोखिम में डालकर बचा लिया। कुछ ही देर बाद वहा ढूंढते हुए उसके पिता एक बड़ी सी कार में आए। उस बच्चे का पिता उस जमाने के बहुत धनी व्यक्ति थे जिनका नाम था चर्चिल। अपने बेटे को सही सलामत देख उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं था। उन्होंने उस किसान को बोला आपने मेरे बच्चे की जान बचाई जिसके बदले मैं आपको इनाम देना चाहता हूं। मांगिए आपको क्या चाहिए। इस पर किसान ने कहा यह तो मानवता का काम था आपके बच्चे के जान बचाने के बदले कुछ भी नही चाहिए। लेकिन फिर भी उस धनवान व्यक्ति ने कहा नही नही मैं आपके लिए कुछ करना चाहता हूं।

तभी पास के एक झोपड़ी से एक बच्चे को निकलते हुए चर्चिल ने देखा तो किसान से पूछा की क्या यह आपका बच्चा है ? तो किसान ने जवाब में हां कहा। फिर उस धनी व्यक्ति ने किसान से कहा मेरा बच्चा पढ़ेगा वही आपका बच्चा भी पढ़ेगा।

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उसके बाद उन्होंने संत मैरिज मेडिकल कॉलेज जो की लंदन का बेस्ट मेडिकल कॉलेज था वहा से पढ़ाई पूरी की। उसके बाद उस किसान के बच्चे ने दुनिया का पहला एंटीबायोटिक की खोज किया जिसका नाम पेंसिलिन  एंटीबायोटिक था जो निमोनिया में कारगर थी। आप जानते है वह कौन था, वह अलेक्जेंडर फ्लेमिंग था । 

अब देखिए नेकी कैसे पलट कर अच्छाई करने आती है। उन दिनों उस धनी व्यक्ति का बेटा निमोनिया की बीमारी से पीड़ित था और उसकी अंतिम अवस्था चल रही थी लेकिन पेंसिलिन की खोज ने उसके लड़के की जान बचा दी , जिसके बाद वह लड़का यूके का दो बार प्रधानमंत्री बना, जिसका नाम था बिस्तेन चर्चिल। तो दोस्तों भलाई पलट पलट कर किसी न किसी तरह से आती रहती है।

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अलेक्जेंडर फ्लेमिंग को वर्ष 1945 में मेडिसिन का  नोबेल दिया गया और बोला गया की अगर आप इस एंटीबायोटिक को पेटेंट करा लेते है तो आपको करोड़ों डॉलर मिलेंगे, लेकिन अलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने मना कर दिया। इसी के कारण सेकंड वर्ल्ड वार के टाइम में लाखो सिपाहियो की जान बचाई गई थी जो निमोनिया के शिकार हुए थे। 

इसलिए नेकी यानि दूसरे की मदद करते रहिए वह पलट कर भलाई करने आपके पास आती रहेगी।

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