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जैसी करनी वैसी भरनी | As you sow, so you shall reap.

आप जैसा दूसरो के साथ करते कही न कही से वापस आपके पास पहुंच ही जाता है। ये तो प्रकृति का ही बनाया गया चक्र है। अब ये सोचने आपका काम है की आप अपने साथ क्या होना देखना चाहते है। जैसा अपने साथ चाहते वैसा ही दूसरो के साथ जरूर करें । अर्थात जैसी करनी वैसी भरनी। आपको एक कहानी बताते है जिससे आप एकदम स्पस्ट समझ जायेंगे।

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एक किसान एक बेकरी वाले को रोज़ एक किलो मख्खन बेचा करता था। एक दिन बेकरी वाले ने यह परखने के लिए की मख्खन एक किलो है या नहीं। उसने मख्खन को अपने शॉप पर ले जाकर तौला तो उसने पाया कि किसान द्वारा दिया मख्खन एक किलो से कम था । इस बात से वह किसान पर गुस्सा हो गया और किसान को बोला की मैं तुम्हे पंचायत के सामने इस धोका धडी के लिए दंडित करवाऊंगा। बेकरी वाला इस बात को गांव के पंचायत में ले गया और पंचायत से आग्रह किया की उस किसान को दंडित करें। उसके बाद पंचायत सभा बुलाई गई। सभी लोग इकट्ठे हो गए। किसान बेचारा भोला भाला दिखाई दे रहा था। बेकरी वाला थोड़ा खुश दिखाई दे रहा था की आज मैं किसान को सजा दिलवा के रहूंगा।


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पंच के सामने उस किसान को बुलाया गया और फिर पंचो ने किसान से पूछा की क्या तुमने बेकरी वाले के साथ मक्खन बेचते समय धोखाधड़ी की है। किसान बोला नही हुजूर । भला मैं ऐसा क्यों करूंगा। मैं तो एक साधारण और सीधा साधा किसान हूं। ऐसी बात तो मेरे ख्याल में भी नही आई।  फिर पंच ने किसान से पूछा कि मख्खन तौलने के लिए तुम किस बाट का इस्तेमाल करते हो। इसपर किसान ने जवाब दिया,"मैं अनपढ़ हूँ। मेरे पास तौलने के लिए कोई सही बाट तो नही है, लेकिन मेरे पास एक तराजू है।" 


पंच ने पूछा, तो तुम मख्खन कैसे तौलते हो?

किसान ने जवाब दिया, बेकरी वाले ने मख्खन तो अब खरीदना शुरू किया, मैं तो बहुत पहले से ही इससे एक किलो ब्रेड खरीद रहा हूँ। हर रोज़ सुबह जब बेकरी वाला ब्रेड लाता है तो मैं ब्रेड को बाट बनाकर  ब्रेड के बराबर का मख्खन तौल कर दे देता हूँ। अगर मेरा मख्कन कम जाता है तो इसमें मेरा क्या कसूर। इसका मतलब तो फिर बेकरी वाला का ब्रेड हमेशा एक किलो से कम ही रहता है। अगर इसमे किसी का दोष है तो वह बेकरी वाले का है!


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किसान की बात सुनकर बेकरी वाला निशब्द रह गया , उसके पास पंच के सामने जवाब देने के लिए कुछ बचा ही नहीं। उसका चेहरा शर्म से झुक गया। और फिर पंच ने उल्टा बेकरी वाले को ही दंडित किया।


दोस्तों बात तो एकदम समझ में आ ही गई होगी। अब कोई भी गलत काम करने से पहले जरूर सोच लेना । आपके कर्मों का फल आपके पास ही आने वाला होगा। 


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