सकारात्मक सोच की शक्ति : एक सत्य घटना !
दोस्तो आपके फिर एक रोचक और प्रेरणादायक कहानी (Motivational Story) लेकर आया हूं जिसे पढ़ कर आप खुद को प्रेरित (Motivate) कर सकते है। इस छोटी सी कहानी के माध्यम से आपको अपने उत्साह बढ़ाने में मदद मिलेगी और साथ ही कैसे अपने आपको सकारात्मक विचार (positive thoughts) से परिपूर्ण रखे इसके लिए भी कारगर साबित होगा।
बहुत पहले की बात है । एक राजा थे उनके पास ढेर सारे हाथी थे। उनमें से एक हाथी बहुत ही शक्तिशाली , आज्ञाकारी , समझदार और युद्ध कला में बहुत ही निपुड था। उस हाथी को बहुत से युद्ध में भेजा गया था जहां से उसने राजा को हमेशा ही विजय दिलाकर लाता था। जिस कारण राजा उस हाथी को बहुत मानता था।
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धीरे धीरे समय गुजरता गया। फिर एक समय आया कि जब वह हाथी बूढ़ा दिखने लगा । अब वह हाथी पहले कि तरह कार्य नहीं कर पाता था जिसके कारण राजा उसे अब युद्ध में नहीं भेजते थे।
एक दिन कि बात है कि वह हाथी तालाब में पानी पीने के लिए गया था कि उसी तालाब में उसका पैर कीचड़ में फस गया और फंसता ही चला गया । उसने बहुत कोशिश कि लेकिन कीचड़ से नहीं निकल पाया।
जब वह हाथी उस कीचड़ से नहीं निकल पाया तो जोर जोर से चिंघाड़ने लगा जिससे आसपास के लोगो को पता चला कि हाथी संकट में है। लोगो ने पास आकर देखा तो फिर उसका समाचार राजा तक पहुंचाया।
उसके बाद राजा समेत दरबार के अन्य पदाधिकारी हाथी के पास इकठ्ठे हो गए और अपने अपने तरीके से हाथी को निकालने को प्रयत्न करने लगे। लेकिन बहुत देर के प्रयासों के बाद भी हाथी को निकालने में असमर्थ रहे। सब लोग परेशान है हुए लेकिन उस हाथी को कीचड़ से निकाल नहीं पाए । तभी एक महान सन्यासी संत उस स्थान पर पहुंचे । राजा और अन्य मंत्रिमंडल उनके पास गए और उस संत से अनुरोध किया कि आप ही इस संकट से निकलने में हमे मार्गदर्शन करें और संकट से हाथी को बाहर निकालने में हमारी मदद करें।
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घटना का सारा वृतांत सुनने के बाद संत ने उस स्थान का चारो तरफ से निरीक्षण किया और फिर राजा को सुझाव दिया कि आप तालाब के चारो तरफ युद्ध के नगड़े बजवाए। महान संत की बात सुनकर पहले तो सभी लोग एक दूसरे की तरफ देखने लगे की भला ये को सिर तरतीब है और भला इस प्रकार से हाथी कैसे कीचड़ से बाहर निकलेगा।
लेकिन फिर भी महान संत की बात मानकर राजा ने उस तालाब के चारो तरफ युद्ध के नगड़े बजवाने शुरू कर दिए। जैसे ही चारो तरफ युद्ध के नगाड़े बजने प्रारंभ हुए वैसे ही उस मृतप्राय हाथी के शरीर में शक्ति को अनुभव होने लगा। उस हाथी के हाव भाव में परिवर्तन नजर आने लगा। फिर वह धीरे धीरे करके खड़ा हुआ और फिर सबको आश्चर्य चकित करते हुए कीचड़ से बाहर निकल आया। इस प्रकार हाथी का बिना किसी मदद के बाहर निकलना राजा और वहा उपस्थित सभी लोगो को चकित कर दिया ।
उस महान संत ने वहां उपस्थित समस्त आश्चर्य चकित व्यक्तियों को स्पष्ट किया कि हाथी की शारीरिक बल में कोई कमी नहीं थी, सिर्फ आवश्यकता मात्र थी उसके अंदर उत्साह के संचार पैदा करने की । जो कि उस युद्ध के नगड़े बजते ही होने लगी थी।
शिक्षा:-
हमेशा अपने जीवन में उत्साह बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप हमेशा सकारात्मक विचार (positive thoughts) बनाए रखे। निराशा को अपने अंदर प्रवेश ना होने दे और ना ही हावी होने दे।
हां इतना जरूर है कि कभी कभी लगातार असफलताओं से व्यक्ति यह मान लेता है कि अब वह पहले की तरह कार्य नहीं कर सकता है, लेकिन आपको याद रखना होगा कि यह बिल्कुल भी पूर्णतया सत्य नहीं है। एक बात जरूर ध्यान में रखे कि -
"सकारात्मक सोच रखने वाला व्यक्ति ही सफलता (success) को जल्दी से हासिल करता है और एक अच्छे व्यक्तित्व की निशानी होती है।"
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दोस्तों आशा करता हूं कि ये छोटी सी कहानी ( Motivational story) आपके लिए मार्गदर्शन करने में काफी सहयोग करेगी। अच्छी लगे तो शेयर जरुर करें।
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