Personality Development Tips in Hindi व्यक्तित्व विकास
1. लोगों को वास्तव में पसंद कीजिए :
जब हम किसी
से मिलते हैं
तो मन में
उस व्यक्ति (person) की एक छवि (image) बना लेते हैं.
ये छवि (image) सकारात्मक, नकारात्मक या प्राकृतिक (positive, negative or neutral) हो सकती
है। पर अगर
हम अपनी व्यक्तित्व विकास (personality improve) करना चाहते
हैं तो हमें
इस छवि (image) को जानबूझकर सकारात्मक बनाना होगा। हमें दिमाग को बताना होगा की सदैव सभी बातों को सकारात्मक रूप से ही ग्रहण करना शुरू करें। ये
करना इतना मुश्किल
नहीं है
हमें लोगों के साथ संयम (patient) रखना चाहिए, उनकी किसी कमी से irritate होने की बजाये खुद को उनकी जगह रख कर देखना चाहिए। क्या पता अगर हम भी उन्ही जैसे हालात में पले-बढ़े होते तो उन जैसे ही होते!!!
हमारे चारों -तरफ फैली नकारात्मकता हमें बहुत प्रभावित
करती है, हम
रोज़ चोरी, धोखा-धडी की ख़बरें सुनते हैं और
शायद इसी वजह
से आदमी का
आदमी पर से
विश्वास उठता जा
रहा है। मैं
ये नहीं कहता
की आप आँख बंद कर लोगों
पर विश्वास कीजिए परन्तु ये
ज़रूर कहूँगा कि
आँख बंद कर
लोगों पर अविश्वास भी मत
करिए क्योंकि इस दुनिया में ज्यादातर लोग
अच्छे होते हैं;
कम से कम
उनके साथ तो
होते ही हैं
जो उनके साथ
अच्छा होता है,
आप लोगों के
साथ अच्छा बनिए,
उन्हें पसंद कीजिए और
बदले में वे
भी आपके साथ वैसा ही करेंगे
2. सबसे मुस्कुराहट (Happy) के साथ मिलिए
:
जब आप अपने
best friend से मिलते हैं तो
क्या होता है ?
आप एक दूसरे
को देखकर smile करते
हैं
मुस्कुराना जाहिर करता है कि आप सामने वाले को पसंद करते हैं। यही बात हर तरह के संम्बधों (relations) में लागू होती है; इसलिए आप जब भी किसी से मिलें (कुछ exceptions को छोड़कर ) तो चेहरे पर एक वास्तविक मुस्कान लाइए। इससे लोग आपको पसंद करेंगे, आपसे मिलकर खुश होंगे। आपकी मुस्कराहट के जवाब में मुस्कराहट न मिले ऐसा कम ही होगा, और होता भी है तो होने दो आपको अपना काम अच्छे से करना है बस।
ये सुनने में काफी आसान लग रहा होगा कि करना ही क्या है, बस हल्का सा smile ही तो करना है। बहुत से लोग ऐसा करते भी हैं; पर बहुत से लोग इस छोटी सी बात पर ग़ौर नहीं करते। अगर आप भी नहीं करते तो इसे अपनी practice में लाइए। एक हल्की सी मुस्कराहट मात्र आपके व्यक्तित्व विकास में बहुत कारगर सिद्ध साबित होगी।
मुस्कुराने से एक और फायदा भी है, जब हम अन्दर से खुश होते हैं तो हमारे बाहरी भाव (expressions) उसी हिसाब से बदल जाते हैं और हमें देखकर ही लोग समझ जाते हैं कि हम खुश हैं।
3. मिलने वाले लोगो के नाम ध्यान में रखें :
किसी व्यक्ति के लिए
उसका नाम दुनिया
के बाकी सभी
नामों से ज्यादा महत्व रखता है। इसलिए
जब आप किसी
से बात करें
तो बीच-बीच
में उसका नाम
लेते रहिये। अगर
व्यक्ति आपसे बड़ा है तो
आपको उनके नाम के
साथ ज़रूरी suffix या
prefix लगाना होगा
बीच-बीच में
नाम लेने से
सामने वाला अपनी महत्व को महसूस करता है और
साथ ही आपकी
तरफ ध्यान भी
अधिक देता है। वो इस बात
से भी खुश होता
है कि आप
उसके नाम को महत्व दे रहे हैं
दोस्तों अगर मै अपनी बात करूँ तो , नाम याद रखने में मैं भी थोड़ा कच्चा था। यहाँ तक कि कई बार नाम जानने के 2 मिनट बाद ही वो ध्यान से उतर जाता था। ऐसा इसलिए होता था, क्योंकि मैं नाम याद रखने की कोशिश ही नहीं करता था। पर अब मैं एक बार नाम सुनने के बाद उसे याद रखने की कोशिश करता हूँ। आप भी “नाम की महत्ता को समझिये ”।
4. “मैं ” से पहले “आप” को रखिये:
आप किसे अधिक पसंद करेंगे ? जो अपने मतलब की बात करे या उसे जो आपके मतलब की बात करे ?
निश्चित ही आप दूसरा विकल्प को ही पसंद करेंगे । हर एक इंसान पहले खुद को रखने में लगा हुआ है। जैसे कि मैं ऐसा हूँ, मुझे ये अच्छा लगता है, मैं ये करता हूँ , मैंने ऐसा कर दिया आदि। लेकिन आपको इससे हट कर करना होगा। आप अपने सामने वाले की बात को सुने और “मैं ” से पहले “आप” को रखिये। जैसे कि आप क्या पसंद करते है , आप को क्या अच्छा लगता है , आप क्या काम करते है , आपके क्या विचार है आदि। ऐसा करने से लोग आपको अधिक पसंद करेंगे।
कई लोग होते है जो किसी से मिलते ही बस अपनी ही राम कहानी सुनानी शुरू कर देते है। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। आपको सामने वाले को
सिर्फ पहले बोलने
का मौका ही
नहीं देना है,
बल्कि उसकी बात
को ध्यान से
सुनना भी है
और बीच-बीच
में उससे सम्बंधित और
भी बातें करनी
हैं। उदाहरण के लिए अगर कोई
कहता है कि
उसे घूमने का
शौक है, तो
आप उससे पूछ
सकते हैं कि
उसकी मनपसंद घूमने वाली जगह क्या है, और
वहां पर कौन-कौन सी
जगह अच्छी हैं.
याद रखिये अच्छे व्यक्तित्व के लिए अच्छे वक्ता के साथ अच्छे श्रोता होना बहुत ज़रुरी है। और अच्छे श्रोता(listeners) की मांग कभी कम नहीं होती। आप एक अच्छा listener बनिए और देखिये कि किस तरह से लोगो के बीच आपकी demand बढ़ जाती है.
6. क्या कहते हैं
से भी ज़रूरी
है कैसे कहते
हैं :
आप जो बोलते हैं उससे भी अधिक महत्व रखता है कि आप कैसे बोलते हैं। जैसे कि आपसे कोई ग़लती हुई और आप मुंह बना कर sorry बोलते हैं तो उस sorry का कोई मतलब नहीं। हमें ना सिर्फ सही शब्दों के प्रयोग करने हैं बल्कि उन्हें किस तरह से कहा जा रहा है इस बात का भी ध्यान रखना होगा।
इसलिए आप अपनी बात करने की शैली (tone) और body language पर विशेष ध्यान
दीजिए। जितना हो सके शांतिप्रिय और अच्छे तरीके से लोगों
से बात कीजिए
यहाँ मैं ये
भी कहना चाहूँगा
कि बहुत से
लोग English बोलने की काबिलियत को ही व्यक्तित्व (Personality) से जोड़ कर के
देखते हैं, जबकि
ऐसा नहीं है। आप इंग्लिश का बिना A,B,C जाने
भी एक प्रभावशाली
व्यक्तित्व वाले इंसान
बन सकते हैं
7. अपना फायदा सोचे बिना लोगों की मदद करें :
कई बार हम
ऐसी स्थिति में
होते हैं कि
दूसरों की मदद कर सकें,
पर ये सोचकर कि
इसमें हमारा कोई
फायदा नहीं है तो हम अगले की सहायता नहीं करते। पर एक खुशहाल व्यक्तित्व वाला
व्यक्ति लोगों की मदद के
लिए सदैव तैयार रहता
है। लेकिन इसका
ये मतलब नहीं
है कि आप
अपने ज़रूरी काम को छोड़ कर बस
लोगों की सहायता ही
करते रहे, लेकिन
अगर थोडा वक़्त निकालने पर यदि आप
किसी के काम
आ सकते हैं,
तो ज़रूर करें। ऐसा करने से आप दूसरों के ही
नहीं बल्कि अपनी नज़रों
में भी ऊपर उठ जायेंगे और आप
अच्छा महसूस करेंगे
अब क्या करना
है?
अब आपको इन दस बातों की बारी-बारी से प्रैक्टिस करनी है । अपनी पसंद का कोई एक प्वाइंट पसंद कर लें,लेकिन ध्यान रहे कि एक बार में सिर्फ एक प्वाइंट पर ही focus करना है। प्वाइंट को पसंद करने के बाद इसे अपनी वास्तविक जीवन में भी लागू करें। अपनी प्रतिदिन कि जिंदगी में खुद पर नज़र रखें और देखें कि आप सचमुच उसे लागू कर पा रहे हैं या नहीं।
इसी तरह से आप बाकी points की भी practice करते रहिये, और कुछ ही महीनों में आप पाएंगे कि एक साथ सारी बातों पर ध्यान दे पा रहे हैं. थोड़ा धैर्य रखें और मेहनत करते रहे फिर जल्द देखेंगे कि आप एक बहुत अच्छे व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति बन जाएंगे।
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