अच्छी और बुरी परिस्थिति से लड़कर आगे बढ़ जाना ही जिंदगी का दूसरा नाम है। अगर आपके अंदर ये हुनर है तो फिर कोई भी बुरा वक्त आपको रोक नहीं सकता और अच्छा वक्त हमेशा के लिए ठहर नहीं सकता। कई ऐसे तरीके हैं, जिनके जरिए हम बुरे काम, बुरे दिन या बुरी परिस्थिति से निकलकर खुद को बेहतर दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। आइये जानते हैं किन बातों का ख्याल रखकर हम बुरी याद को अच्छी उम्मीद में बदल सकते हैं। बुरे दिनों से कैसे निकलें ? How to Deal with Hard Time | Life Motivation
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How to Deal with Hard Time | Life Motivation |
जिंदगी में अच्छा और बुरा वक्त एक सिक्के के दो पहलू हैं, यानि अगर अच्छा वक्त चल रहा है तो बुरा वक्त भी आ सकता है और अगर कुछ बुरा हो रहा है तो कुछ अच्छा होना भी तय है। ऐसे में किसी एक चीज को पकड़कर उदास रहना सही नहीं है। हालांकि कई बार ऐसा होता है कि कुछ बुरा होने पर हम निराश हो जाते हैं और आगे के लिए बेहतर नहीं सोच पाते या फिर उस बुरे वक्त को भुला ही नहीं पाते और खुद को उदास करते चले जाते हैं। तो आइये जानते हैं किन बातों का ख्याल रखकर हम बुरी याद को अच्छी उम्मीद में बदल सकते हैं।
लिखने की आदत:
किसी भी बुरे दिनों से निकलने के लिए लिखना बेहद कारगर उपाय है। लिखकर हम अपनी भावनाओं को पन्ने पर उतार देते हैं जो दिल में भरी उदासी से निकलने में मदद करता है। ये ठीक वैसा ही है जैसे आपने किसी अपने से अपनी सारी बातें साझा की हों और उसने बहुत ध्यान से आपकी परेशानी को सुना हो। लिखना उन लोगों के लिए अहम है, जो किसी भी वजह से अपनी बातें किसी से शेयर न कर पाते हों। इसलिए ऐसा करने से भी आप बुरे दिनों से निकल पाएंगे।
अच्छी बातों को याद करना:
अपने दिल का गुबार पन्ने पर उताराना अच्छा है। इससे आपको राहत महसूस होती है लेकिन अगर हम अपनी जिंदगी के अच्छे वक्त को याद करें और उनकी लिस्ट बनाएं। उन्हें लिखें तो ये आपको सकारात्मक ऊर्जा भी देगा। इसलिए लिखना अच्छा है। अपनी भावनाओं को लिखने के साथ उन बातों को लिखें जो आपको भाग्यशाली महसूस करवाएं। ऐसा करने से भी आप बुरे दिनों से निकल पाएंगे।
ध्यान करें:
बुरी बातें हमारे दिमाग में लंबे समय तक अटकी रहती हैं, इसके लिए जरूरी है अपने दिमाग को शांत रखना। ऐसा हम मेडिटेशन (meditation) के जरिए कर सकते हैं। मेडिटेशन से दिमाग शांत होता है और सुकून मिलता है. जो पॉजिटिविटी लाने में मदद करता है। ध्यान के साथ ही कुछ योग भी इसमें कारगर साबित होते हैं। इसलिए ऐसा करने से आप बुरे दिनों से निकल पाएंगे।
रोने में कोई बुराई नहीं:
अगर कोई बात हमें इतनी परेशान कर रही है कि हमें रोना आ रहा है, तो इसे छिपाने या रोकने की जरूरत नहीं है। थोड़ा रो लेना आपके लिए अच्छा हो सकता है। रोकर इंसान खुद को हल्का महसूस करता है और बुरे वक्त से जल्दी निकल सकता है। इसलिए ऐसा करने से भी आप बुरे दिनों से निकल पाएंगे।
कुछ देर का ब्रेक लें:
अपने काम से कुछ देर ब्रेक लेकर उस चीज से बचा जा सकता है, जो हमें तकलीफ दे रही हो। इसे एक उदाहरण के जरिए समझते हैं। मान लें कि आपके बॉस ने आपको डांट दिया हो जिससे आप उदास हों और काम में ध्यान नहीं लगा पा रहे। तो बेहतर है कि आप कुछ देर का ब्रेक लें। किसी से बात करें, पानी पिएं या कुछ देर अकेले में बैठें और फिर काम की तरफ लौटें। इससे आप बेहतर महसूस करेंगे। इसलिए ऐसा करने से भी आप बुरे दिनों से निकल पाएंगे।
अंत में ये बात याद रखनी बेहद जरूरी है कि वक्त कैसा भी हो, वो हमें कुछ सिखाकर जाता है और कोई भी वक्त हमेशा के लिए नहीं होता इसलिए बुरे वक्त से सीख लेकर अच्छे की उम्मीद के साथ आगे बढ़ना ही बेहतर जिंदगी का सिद्धांत है। आशा करता हूँ ऊपर दिए गए टिप्स आपको किसी भी बुरे दौर से बाहर निकलने में मददगार साबित होगा। लेख अच्छा लगे तो हमें कमैंट्स जरूर करें।
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