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सफलता के 3 सीक्रेट | Safalta Ki Kahani | 3 Secrets of Success.

संसार के सफल (success) लोगों की सफलता की कहानी पढ़ने से हमें सफल (success) होने के लिए प्रेरणा और वह साहस (Courage) मिलता है जिसके न होने पर सफलता का मिलना बहुत कठिन हो जाता है।

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सफलता का पहला रहस्य (Secret of Success) 

आपने सिकंदर महान का नाम तो जरूर सुना होगा। उसने पूरी दुनिया को जीतने का लक्ष्य (Goal) बनाया हुआ था। अपने देश से बहुत दूर के देशों को वह जीतता जा रहा था। वह अपने इस लक्ष्य की ओर बहुत तेजी से बढ़ रहा था क्योंकि इसके पीछे एक बहुत बड़ा रहस्य छिपा हुआ था। और वो रहस्य था सफलता का रहस्य (secret of success)। 

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उसे जब भी किसी साम्राज्य को जीतना होता था तो सबसे पहले वह अपनी विशाल सेना सहित उस देश के निकट पहुंच जाता था। इसके बाद वह अपने सैनिकों से उन जहाजों आदि को नष्ट करवा देता था जिनकी सहायता से वह वहां तक पहुंचा था।

इसके बाद अपनी सेना के साथ वह उस देश से युद्ध लड़ता और जीत जाता था। क्या आप बता सकते हैं कि वह क्यों जीतता था? जी हाँ! उसके जीतने का रहस्य (Secret of success) उसके जहाजों आदि का नष्ट हो जाना था जिन्हें उसने अपने ही सैनिकों से नष्ट करवाया था। वह अपने वापस जाने के सभी साधनों को नष्ट करवा देता था।

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अब उसके और उसके सैनिकों के पास दो ही विकल्प बचते थे- या तो सामने खड़ी दुश्मन की सेना को हरा दें या लड़ते लड़ते वीरगति को प्राप्त हो जाएँ। पीछे हटने और वापस चले जाने का कोई ऑप्शन उनके पास होता ही नहीं था। अब या तो जीतो या फिर मरो।

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दोस्तों, इसी तरह जब तक हमारे पास जीवन में बहुत से विकल्प रहते हैं तब तक हम किसी एक के ऊपर ही फोकस नहीं कर पाते और हमारी समस्त ऊर्जा बिखरी हुई रहती है। लेकिन यदि हमारे पास केवल एक विकल्प या रास्ता या टारगेट रहे तो हम अपनी पूरी ऊर्जा को उस पर लगा पाएंगे। और यह सभी जानते हैं जब कोई इंसान अपनी समस्त ऊर्जा किसी एक लक्ष्य (Goal) पर लगाता है तो लक्ष्य उस ऊर्जा से चमक उठता है और साफ़ नजर आने लगता है। इस स्थिति में जीत को खुद चलकर आना ही पड़ता है और इस तरह वह व्यक्ति अपनी खुद की Safalta Ki Kahani लिख देता है।

ध्यान रखिये जब तक बहुत से विकल्प हमारे सामने रहते हैं तो संकट आने पर या काम का मन न होने के कारण आप उस विकल्प की ओर चले जाते हैं जो आपको सबसे सरल लगता है। 

सफलता का दूसरा रहस्य (secret of success) 

किसी देश का एक राजकुमार जिसका नाम देववीर था उसे तलवार चलाने से बहुत डर लगता था। अपने पिता अर्थात राजा के दबाब में आकर उसने थोड़ी बहुत तलवार चलानी सीख ली थी, लेकिन राजा के बहुत कहने पर भी वह किसी युद्ध में लड़ने नहीं जाता था, क्योंकि उसे तलवार उठाने से डर लगता था।

काफी समय ऐसे ही चलता रहा। एक बार राजा का सामना बहुत बड़ी सेना से हो गया। परिणाम यह हुआ कि उस लड़ाई में राजा के सभी सहयोगी मारे गए और सेना आदि का बहुत ज्यादा नुकसान हुआ। इस समय महल में केवल देववीर ही बचा था। राजा ने उसे लड़ने के लिए बुलवाया। लेकिन देववीर तलवार को हाथ लगाने से ही डर रहा था। लड़ाई उसके बस की बात कहाँ थी।

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तभी राजा ने उसकी कमर में तलवार बांधकर जबरदस्ती मैदान में भेज दिया। मैदान में जाते ही उसने देखा कि सामने दुश्मन की सेना खड़ी थी और उसकी ओर बड़ी चली जा रही थी।

उसने पीछे की ओर भागना चाहा लेकिन उसने देखा कि दुश्मन की सेना पीछे भी चली गयी है और उसने राजा को बंदी बना लिया है। राजा को बंदी बनाते देखकर महल के द्वारपालों ने सभी दरबाजे बंद कर लिए ताकि दुश्मन की सेना महल के अंदर न जा सके।

अब देववीर ने देखा कि उसके आगे से दुश्मन सेना बढ़ी चली जा रही है। पीछे देखा तो वहां से भी दुश्मन सेना उसकी तरफ आ रही थी। महल के दरवाजे बंद हो चुके थे और राजा बंदी बना हुआ था।

अब देववीर करे भी तो क्या करे? बताओ दोस्तों, अब देववीर ने क्या किया होगा? अब उसके पास केवल दो ही विकल्प थे- या तो तलवार उठाये या मारा जाये।

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ऐसी संकट की स्थिति में उसका डर निकलकर बाहर हो गया और उसने तलवार उठाने का विकल्प चुना। उसने तलवार उठाई और आखिरी लड़ाई लड़ने के लिए दुश्मन पर टूट पड़ा । और ऐसे पड़ा की ऐसा लगा जैसे किसी सिंह के समान अपने शिकार पर झपट रहा हो।

लड़ते समय उसे अपने पिता द्वारा जबरदस्ती सिखाई हुई तलवार विद्या पर गर्व हुआ और आखिर में अपने बचे हुए सैनिकों और अपने डर के भाग जाने से उसके अंदर जो योद्धा उभर आया था, उसी की जीत हुई और देववीर ने खुद की Safalta Ki Kahani लिखी।

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दोस्तों, हम भी अपने जीवन में कुछ ऐसा ही करते हैं। बहुत से अच्छे और जरुरी काम हैं जिन्हें हमें करना चाहिए । लेकिन हम नहीं करते। इसका कारण हमारा डर (Fear) होता है। हमें डर होता है कि लोग क्या कहेंगे या हमें डर होता है कि यदि यह कार्य नहीं कर पाया तो लोग मेरे ऊपर हसेंगे।

दोस्तों हमें अपने डर को जीतना होगा। वरना जीवन में एक समय ऐसा संकट आएगा जब वह कार्य हो सकता है आपको मजबूरी में करना पड़े या उस नकारात्मक परिणाम को देखना पड़े, जिसकी आपने कल्पना भी नहीं की थी। इसके अतिरिक्त जब तक हमारे पास काम से बचने के रास्ते होते हैं तब तक हम कोई भी काम कर ही नहीं पाते हैं।

उन सभी रास्तों को छोड़ो जो जरुरी नहीं है और वह रास्ता चुनों जो सफलता (success) के लिए सबसे सही और जरुरी है अर्थात वह करने की खुद की जिम्मेदारी लो जो आपको करना चाहिए।

संकट आने पर देववीर तो जीत गया लेकिन जरुरी नहीं कि आप भी जीत जाओ। और जीत भी जाओ तो ऐसी जीत से क्या फायदा जो इतने बड़े नुक्सान के बाद मिली हो। सुनों वह सभी चीजें और विकल्प त्याग दो जो आपको आपकी मंजिल की ओर जाने से रोकते हैं। जाना होता है अपनी मंजिल की तरफ लेकिन डर कर भाग जाते हो किसी दूसरे विकल्प की तरफ जो आपको ज्यादा आसान लगता है।

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देववीर भी पीछे भागा था क्योंकि वह विकल्प भी उसके पास था। वो तो दुश्मन की सेना भी पीछे आ गयी वरना देववीर उस दिन हार जाता और भगोड़ा कहलाता। इसलिए दोस्तों, ऐसे विकल्प छोड़ दो जो आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने से रोकते हैं। 

सफलता का तीसरा रहस्य (secret of success)

राकेश और मुकेश दोनों IAS की तैयारी कर रहे थे। जब रिजल्ट आया तो राकेश आईएएस बन गया लेकिन मुकेश असफल हो गया। मुकेश असफल होने का कारण पूछा गया तो उसने बताया, "मुझे रोज बहुत समय तक पढ़ने का और सुबह जल्दी जागकर खुद को पढाई में डुबो देने का मन नहीं करता इसलिए मैं असफल हुआ।"

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अब जब राकेश से उसकी सफलता (success) का राज पूछा गया तो उसने बताया वह रोज 8 से 10 घंटे पढ़ता था और सुबह जल्दी जागकर तैयारी करता था, इसलिए वह सफल (success) हो पाया। तभी एक अजीब प्रश्न राकेश से पूछा गया, "क्या उसका मन इतनी देर तक रोज पढ़ने और सुबह जल्दी उठने का करता था।" तो उसका जवाब चौकाने वाला था।

राकेश बोला, "नहीं! मेरा मन भी इतनी देर तक पढ़ने और सुबह इतनी जल्दी उठकर तैयारी करने का नहीं करता था। "राकेश से पूछा गया, "तो आप ऐसा कर कैसे पाए?" राकेश बोला, "अपनी इच्छा शक्ति (Will Power) के बल पर मैं ऐसा कर पाया।"

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किसी भी इंसान की इच्छा शक्ति उसे बड़ा से बड़ा काम करवा देती है।  जब तक आपके अंदर की इच्छा शक्ति जागृत नहीं होती तब तक आज को सफलता (success) मिलना बहुत मुश्किल होगा।  इसलिए जीवन में सफल (success) होना है तो फिर अपने अंदर से इच्छा शक्ति को पैदा कीजिये। 

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दोस्तों आशा करता हूँ ये सफलता के तीन सूत्र यानि सफलता के ३ सीक्रेट्स (secrets of success) जिसे कहानियो के माध्यम से बताया गया आपके लिए काफी कारगर साबित होगा।  अगर अच्छा लगे तो इसे शेयर करना न भूले साथ ही मेरे वेबसाइट www.The.MotivationalDiary.com  को फॉलो करें जिससे आपको मेरे अगले आर्टिकल की जानकारी मिलती रहेगी। 


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