दोस्तों आज का टाइटल थोड़ा डरावना जरूर लग रहा होगा लेकिन बिल्कुल सत्य भी है। आपकी अधूरी knowledge आपको संकट में डाल सकती है। इस प्रकार की घटनाएं आए दिन अपने आसपास देखने को भी मिलते रहते है ।
एक हवाई जहाज में सफाई कर्मी पायलट के जगह जहाँ पर बैठकर जहाज को उड़ाया जाता है उसकी सफाई कर रहा था, तभी उसने देखा की पायलट की शीट पर एक किताब पड़ी हुई थी। उसने किताब उठाई तो उसके कवर पेज पर "एयरोप्लेन को चलाना सीखे पार्ट-1" लिखा था।
सफाईकर्मी ने सोचा की इस किताब को पढ़कर मै जहाज उड़ा लूंगा। उस सफाई कर्मी ने किताब का पहला पन्ना खोला जिसमे लिखा था - जहाज के इंजन को स्टार्ट करने के लिए लाल रंग के बटन को दबाये। जिसे पढ़कर सफाई कर्मी ने ठीक वैसा ही किया। जैसे ही लाल बटन दबाया हवाई जहाज स्टार्ट हो गया। उसके बाद किताब का अगला पन्ना पलटता है तो उसमे लिखा था "एयरोप्लेन को move करने के लिए नीले बटन को दबाए। " उस व्यक्ति के तुरंत नीले रंग के बटन को दबाते ही प्लान रनवे पर दौड़ने लगा। उसके बाद किताब के अगले पन्ने पर लिखा पाया की "हवाई जहाज को उड़ाने के लिए हरा बटन दबाए।" उसके बाद उसने वैसे ही किया और हरा बटन दबा दिया। फिर क्या जहाज हवा में उड़ने लगा। लगभग 15 मिनट की उड़ान के बाद उसे लगा की अब जहाज को नीचे लैंड करना चाहिए।
जहाज को लैंड कराने के लिए पुनः किताब उठाई और उसके अगले पन्ने को खोला तो उसमें जो लिखा था जिसे पढ़ कर उसके होश उड़ गए। उस सफाई कर्मी को अपनी मौत सामने नजर आने लगी । उसे लगने लगा की उसने अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती आज कर दी। उस किताब के अगले पन्ने में लिखा था की "एयरोप्लेन को लैंड यानी जमीन पर कैसे उतारे इसको जानने के लिए अपने नजदीकी बुक्सेलर के यहां से पार्ट -2 खरीदे। "
उसके बाद क्या ? फिर कुछ देर बाद ही एक बड़े धमाके के साथ एयरोप्लेन जमीन पर गिरा और सब कुछ जल कर तबाह हो गया। वह सफाई कर्मी भी उसी जहाज के मलवे के समा गया। उस सफाईकर्मी ने सिर्फ गलती इतना ही किया की बिना पूरी जानकारी के ही जहाज उड़ाना शुरू कर दिया। अगर पूरी किताब पढ़ लेता या पूरी जानकारी ले लेता तो शायद ये नौबत नहीं आती। जब तक पूरी जानकारी ना हो जाए तब तक किसी काम को स्टार्ट करने में हमेशा संकट बना रहता है लेकिन वही दूसरी तरफ पूरी जानकारी जुटा लेने के बाद शुरू किया गया काम आसानी से पूरा हो जाता है।
आप चाहे बिजनेस करने जा रहे है, चाहे अपनी पढ़ाई करने जा रहे है या फिर किसी अन्य कार्य को करने की सोच रहे है। पूरी जानकारी का होना बहुत जरूरी है। सही और पूरी जानकारी आपके सफलता को निर्धारित करती है।
जरा सोचिये यदि किसी डॉक्टर को सर्जरी दवाइयों के बारे में आधी जानकारी हो , तो मरीजों का क्या होगा। अगर किसी इंजीनियर को बिल्डिंग बनाने की जानकारी अधूरी हो तो क्या होगा उसके द्वारा बनाये गए इमारतों का , क्या कभी मजबूत इमारते बन पाएंगी। । अगर एक शिक्षक को अधूरा ज्ञान हो तो क्या भविष्य होगा उसके छात्रों का, अगर एक ड्राइवर को अधूरा ज्ञान हो, तो क्या होगा वाहन में बैठे राहगीरों का, अगर एक सिपाही को अधूरा ज्ञान हो, तो क्या होगा देश की सुरक्षा का। तो इस प्रकार अधूरा ज्ञान हानिकारक ही नहीं बल्कि बहुत कष्टदायक भी हो सकता है।
जिस व्यक्ति को अधूरा ज्ञान होता है वह हमेशा इस भ्रम में रहता है कि उसे बहुत कुछ मालूम है, बहुत कुछ पता है, हालांकि यह केवल उसकी मानसिक भ्रम होता है। आधी अधूरी जानकारी रखने वाले अक्सर सोचते है की उन्हें सब आता है, हालांकि असल में ऐसा होता नहीं है। ऐसे व्यक्ति हमेशा अपने बुद्धिमान होने की डींगें हांकते रहते है, उन्हें ऐसा लगता है कि उन्हें सब कुछ आता है जबकि दूसरी ओर एक बुद्धिमान व्यक्ति कभी भी अपने मुंह से अपनी बड़ाई नहीं करता है। वह कभी भी यह नहीं कहता है कि उसे सब कुछ आता है या वह बहुत काबिल है। बल्कि उनके काम के कारण दूसरे लोग उनकी प्रशंसा करते है ।
एक उदहारण तो आपने सुनी ही होगी की अधजल गगरी छलकत जाए जिसका मतलब यही होता है की आधा भरा हुआ बर्तन हमेसा ज्यादा छलकता है और आवाज ज्यादा करता है अथवा भरा हुआ घड़ा कम आवाज करता है।आधे ज्ञान के साथ मूर्ख या बेवकूफ बनने से बेहतर है कि संपूर्ण ज्ञान ले लिया जाए।
अंत में सिर्फ इतना ही कहूंगा कि कोई भी आधी अधूरी जानकारी तथा cancer की बीमारी दोनों ही ख़राब साबित होते है। ये दोनों ही आपकी जिंदगी बर्बाद कर सकते है। काम कोई भी हो सफलता ठीक से तभी हासिल की जा सकती है जब उसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी हासिल कर लिया जाए। जिसे अपने शुरू किये गए कार्य के बारे में अच्छी जानकारी होती है वह कभी भी असफल नहीं हो सकता है।
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