Ticker

6/recent/ticker-posts

Happy 'Diwali' "दीपावली" सम्पूर्ण जानकारी 2022 | Happy Diwali 2022

Happy 'Diwali' "दीपावली" सम्पूर्ण जानकारी 2022 | Happy Diwali 2022
Happy Diwali 2022

इस article में हम दीपावली (Diwali) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दे रहे हैं। आशा करते हैं कि हमारे दीपावली (Diwali) के निबंध (essay) से आपको बहुत सहायता मिलेगी। इस लेख (article) में निम्नलिखित मुख्य विंदुओं पर प्रकाश डालने का रहा हूं -


बिंदुओं की सूची (contents) -


  • एक नज़र में (introduction)
  • दीपावली क्या होता है ( what is Diwali)
  • दीपावली कब मनाई जाती है (When celebrate)
  • दीपावली का इतिहास (history of Diwali)
  • दीपोत्सव मनाने की तैयारियाँ (preparation)
  • महत्व ( importance)
  • इस त्यौहार के लाभ और हानियाँ ( Advantage and disadvantage)
  • दीपावली को अलग तरीके से मनाने के सुझाव ( Suggestions)
  • विदेशों में दीवाली का त्यौहार (Diwali in foreign)
  • अंत में (conclusion)

 

एक नज़र में (Introduction)


दुनिया में  प्रत्येक समाज त्यौहारों के माध्यम से अपनी अपनी खुशी प्रकट करता है। भारत (India) एक ऐसा देश है, जहाँ सबसे ज्यादा त्यौहार (Festival) मनाये जाते हैं। यहाँ विभिन्न धर्मों ( different religious) के लोग अपने-अपने उत्सव और पर्व को अपनी अपनी परंपरा और संस्कृति (culture) के अनुसार मनाते हैं।


दीपावली (Diwali) का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। यह पांच दिवसीय (Five days), हिंदुओं (Hindus) द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। दिवाली (Diwali) के त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों (foreign) में भी मनाया जाता है। इस बात से इसकी प्रमुखता (importance) का पता लगाया जा सकता है। इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत देश रोशनी से जगमगाया हुआ रहता है।


दीपावली (Diwali) का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार केवल धार्मिक आस्था का ही प्रतीक नहीं है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी रखता है। यह त्यौहार सामाजिक एकता को बढ़ाने का कार्य करता है।


हालांकि हम यहां आपको एक बात और बताना चाहेंगे कि दिवाली के त्यौहार का एक दूसरा पहलू भी है, जिसे हम अपने आनंद के लिए वर्ष-प्रतिवर्ष बढ़ावा देते जा रहे है। वो दूसरा पहलू है, आतिशबाजी और पटाखे फोड़ना। यह एक ऐसा कार्य है, जिसका दिवाली के त्यौहार से कोई प्रत्यक्ष सम्बन्ध नहीं है और ना ही दिवाली के त्यौहार में इसका कोई ऐतिहासिक और पौराणिक वर्णन है। इसके साथ ही दिवाली पर होने वाली इस आतिशबाजी के कारण दिन-प्रतिदिन पर्यावरण प्रदूषण में वृद्धि होती जा रही है। जो कि एक चिंता का विषय भी बन चुका है। यह हमारे वातावरण और धरती की ग्रीन हाउस के लिए बहुत गंभीर विषय बन गया है।


इसे भी जरूर पढ़ें Happy Diwali quotes in hindi


दीपावली क्या होता है  (What is Diwali) -


इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। दीपक को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है। वैदिक प्रार्थना है - ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात इसका मतलब होता है अंधकार से प्रकाश में ले जाने वाला।


दीपावली कब मनाई जाती है (Deepawali is celebrated when)-


दीपावली (Deepawali) का त्यौहार प्रत्येक वर्ष दशहरे के 21 दिन बाद सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में कार्तिक मास की अमावस्या को आता है। वैसे इस त्यौहार की धूम-धाम कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल द्वितीय अर्थात् पाँच दिनों तक रहती है। दीवाली (Diwali) के पर्व की यह विशेषता है कि इसके साथ चार त्यौहार और मनाये जाते हैं। दीपावली का उत्साह एक दिन नहीं बल्कि पूरे सप्ताह भर बना रहता है।

 

दीपावली का इतिहास (History of Deepawali)-


दीपावली (Deepawali) का त्यौहार भारत में प्राचीन समय से ही मनाया जाता रहा है। इस त्यौहार का इतिहास अलग-अलग राज्यों के लोग भिन्न-भिन्न मानते हैं, लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए देसी घी के दीपक प्रज्वलित किए थे और साथ ही अयोध्या के हर रास्ते को सुनहरे फूलों से सजा दिया गया था।


आपको बता दें कि जिस दिन भगवान राम अयोध्या लौट कर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी। जिसके कारण वहां पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था। इसलिए तो अयोध्या वासियों ने वहां पर दीपक जलाए थे। यह भी एक कारण है कि इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय भी माना जाता है। 


जैन धर्म के लोग दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाते हैं क्योंकि चौबीसवें तीर्थंकर महावीर स्वामी (Mahaveer Swami) को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और संयोगवश इसी दिन उनके शिष्य गौतम ( Gautam) को ज्ञान प्राप्त हुआ था।


सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। वे लोग त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी (Hargobind Singh Ji) को भी इसी दिन ग्वालियर की जेल से जांहगीर द्वारा रिहा किया गया था।


आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द (Swami Dayanand) तथा स्वामी रामतीर्थ (Swami Ramtirth) ने इसी दिन मोक्ष प्राप्त किया था। इस त्योहार का संबंध ऋतु परिवर्तन से भी है। इसी समय शरद ऋतु का आगमन लगभग हो जाता है। इससे लोगों के खान-पान, पहनावे और सोने (sleep) आदि की आदतों में भी परिवर्तन आने लगता है।


इसे भी जरूर पढ़ें Diwali Best Wishes, Happy Diwali 2022 in English


दीवाली मनाने की तैयारियाँ (Preparations)-


पूरे देश में यह त्यौहार (festival) बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली (Diwali) के कई हफ्तों पहले ही लोग अपने घरों और कार्यालयों की साफ-सफाई करने में जुट जाते हैं, क्योंकि ऐसी मान्यता होती है कि जो घर साफ-सुधरे होते हैं, उन घरों में दिवाली (Diwali) के दिन माँ लक्ष्मी का आगमन होता हैं जिससे वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी करती है।


दीवाली (Diwali) के दिन सब लोग बहुत खुश (Happy) रहते है।  दीपावली के दिन बाजारों में गणेश जी और लक्ष्मी जी की तस्वीरे खरीदी जाती है। बाजारों में खूब चहल पहल होती है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। इस दिन खील-बताशों तथा मिठाइयों की खूब बिक्री होती है। लोग अपने इष्ट-मित्रों (friends and relatives) के यहाँ मिठाइयों (sweets) का आदान-प्रदान करके दीपावली की शुभकामनाएँ लेते-देते हैं। बच्चे और बड़े अपनी इच्छानुसार बम, फुलझडि़यां तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं।


रात्रि के समय लक्ष्मी और गणेश के पूजन के बाद आतिशबाजी का दौर शुरु होता है। इस दिन लोग बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतों को अपनाने का वादा भी करते हैं। भारत के कुछ जगहों पर दीवाली (Diwali) को नया साल (New Year) की शुरुआत माना जाता है। साथ ही व्यापारी लोग (business man) आज से अपना नया बही खाता शुरु करते है।


इसे भी जरूर पढ़ें Happy Diwali quotes in hindi


दीपावली का महत्व (Importance of Deepawali)-


दीपावली (Deepawali) का त्यौहार समाज के सभी वर्गों के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है। सबसे बड़ा त्यौहार होने के कारण सभी की आस्था इस त्यौहार से जुड़ी हुई है। यह त्यौहार कई तरह के महत्व (importance) अपने अंदर समेटे हुए हैं जिनके बारे में आगे बताया जा रहा है-

 

आध्यात्मिक महत्व (spiritual importance) -


दीपावली (Deepawali) त्यौहार अनेक धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक कहानियों (Old stories) से मिलकर बना है। इस त्यौहार की नीव अच्छाई पर टिकी हुई है इसलिए यह त्यौहार जब भी आता है, तो सभी लोगों में एक अलग ही खुशी और आस्था होती है। इसलिए लोग इस पर्व पर आध्यात्मिकता (spirituality) की ओर बढ़ते हैं और इससे अच्छे विचारों (good thoughts) का उद्गम होता है।

 

सामाजिक महत्व (Social Importance)-


दीपावली (Deepawali) के त्यौहार का सामाजिक महत्व भी बहुत बड़ा है, क्योंकि इस त्यौहार पर सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर त्यौहार (festival) को मनाते है। इस दिन सभी लोग पूजा करते हैं। एक दूसरे से मिलने जाते है जिससे सामाजिक सद्भावना उत्पन्न होती है। आजकल की व्यस्त जिंदगी (life) में लोगों को एक दूसरे से मिलने का अवसर बहुत कम मिलता है इसलिए इस दिन लोग जब लोग एक दूसरे से स्नेह पूर्वक मिलते हैं और साथ में एक दूसरे को मिठाइयां (sweets) बांटते हैं, गले मिलते हैं, जिस से लोगों को एक दूसरे की भावनाओं और धर्मों (religion) को समझने में रुचि उत्पन्न होती है।

 

आर्थिक महत्व (Economical importance)-


दीपावली (Deepawali) के त्यौहार पर भारतीय (Indian) लोग जमकर खरीदारी करते हैं। सभी लोग अपने घरों में उपहार, सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, राशन का सामान, कपड़े, मिठाइयां (sweets) इत्यादि लेकर जाते है। इसलिए बाजारों (Markets) में इस दिन ज्यादा चहल-पहल और अधिक खरीदारी (more buying) होती है। जिसके कारण लोगों की आमदनी बढ़ जाती है।


ऐतिहासिक महत्व (importance)-


दीपावली (Deepawali) के त्यौहार के इस दिन बहुत सी ऐतिहासिक घटनाएं घटी हैं। जिसके कारण इस त्यौहार का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। इस दिन भगवान राम (God Ram) 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या (Ayodhya) में लौटे थे। इसी दिन समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था। स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुए थे। दीपावली (Diwali) के पावन अवसर पर आर्य समाज की स्थापना हुई थी। इसी दिन मुगल समाज के सबसे बड़े बादशाह अकबर (Akabar) ने दौलत खाने में 40 फीट ऊंचा आकाश दीप जलाकर दीपावली त्यौहार को मनाना शुरू किया था। इस कारण हिंदू और मुसलमान (Muslim) धर्म के लोगों में एक दूसरे के प्रति नफरत खत्म हो गई थी। दीवाली (Diwlai) के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह (Hargobind singh) जी को जेल से रिहा किया गया था। महावीर स्वामी (Mahabir Swami) को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

 

दीपावली के त्यौहार के लाभ और हानियाँ (Advantage and disadvantages of Diwali)-


जैसा कि हम सभी जानते है कि जहां लाभ होता है, वहाँ हानियाँ भी होती है। दीपावली (Deepawali) एक बड़ा त्यौहार है, जो अपने साथ अपार खुशियाँ और प्रेम लेकर आता है। खुशियों (Happiness) के साथ-साथ कभी-कभी कुछ दुःख भी दस्तक दे जाते हैं। इन दुःखों को जानकर कुछ सावधानियाँ बरत कर उन्हें भी खुशियों (Happiness) में बदला जा सकता है।

 

दीपावली के लाभ (advantage) -


(1) छोटे-बड़े सभी व्यापारियों (Business man) के लिए यह समय अधिक कमाई का होता है।


(2) दीपावली (Diwali) में सभी प्रकार के व्यापार (Business) में तेजी आती है। क्योंकि लोग घर की साज-सज्जा, कपड़े, गहने और खाने-पिने की चीजों पर खर्च करते हैं।


(3) दीपावली (Diwali) में आपसी प्रेम बढ़ता है और आपसी संबंधों में मिठास बढ़ती है।


(4) इस त्यौहार पर साफ़-सफाई (Cleaning) पर अत्यधिक महत्व दिया जाता है। घर में रंग-रोगन (painting) भी किया जाता है। इससे घर के आस-पास का वातावरण शुद्ध (environment pure) हो जाता है, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक (beneficial) होता है।


(5) कुटीर उद्योगों (small business) के लिए दीपावली का त्यौहार अत्यधिक खुशहाली (Happiness) लाता है। क्योंकि दीपावली (Diwali) में बिकने वाला ज्यादातर सामान जैसे- साज-सज्जा का सामान और मिट्टी का सामान कुटीर उद्योगों द्वारा ही तैयार किया जाता है । इस त्यौहार में उनकी आमदनी भी बढ़  (income increased) जाती है।

 

इसे भी जरूर पढ़ें Diwali Best Wishes, Happy Diwali 2022 in English


दीपावली से हानियाँ (Disadvantages)-


(1) पटाखों (cracker) के कारण प्रदुषण (pollution) फैलता है।


(2) दीपकों में फजूल तेल जलता (oil burn) है।


(3) अत्यधिक मिठाइयाँ (sweets) और पकवान हमारे स्वास्थ्य (Health) पर बुरा असर डालते हैं।


(4) लाइट्स की सजावट के कारण अत्यधिक बिजली (electric) बर्बाद होती है।


(5) दिखावे के चक्कर में लोग फज़ूल खर्च (extra expenses) करते हैं।


दीपावली को मनाने के सुझाव (Suggestions)


दीपावली (Diwali) के त्यौहार को मनाने का तरीका और पूजन विधी हर जगह लगभग एक समान ही होती है। फिर भी ऐसे कई कार्य है जिनके द्वारा हम दीपावली (Deepawali) के त्यौहार को हम ना सिर्फ अपने लिए मंगलकारी बना सकते हैं बल्कि दूसरों के लिए भी इस दिन को खास बना सकते हैं ।


1. छोटे विक्रेताओं से समान खरीदकर हम उनकी आजीविका बढ़ाने में मदद कर सकते हैं ।


2. इलेक्ट्रिक झालरों (electric lights) की जगह दीपों का अधिक उपयोग करके हम हमारे देश के छोटे व्यापारियों और कुम्हारों को आर्थिक रुप से सुदृढ़ बनाकर देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद कर सकते है।


3. हममें से कई लोग दीपावली (Diwali) के त्यौहार की साज-सज्जा, पटाखों और उत्सव (Festival) मनाने में काफी अधिक मात्रा में धन व्यय करते हैं। अगर हम चाहे तो इन चीजों में कुछ कटौती करके या अपने पास से कुछ अधिक खर्च निकालकर कुछ गरीबों और जरूरतमंद लोगों को कंबल, मिठाइयां और उपहार (Gift) जैसी चीजें बांटकर उनके चेहरों पर खुशियां (Happiness) ला सकते हैं।


4. हम सभी जानते हैं कि दीपावली (Diwali) पर पटाखों और भारी आतिशबाजी के कारण काफी ज्यादा मात्रा में प्रदूषण (Polution) उत्पन्न होता है। हम सब को मिलकर पटाखों (Crackers) का उपयोग ना करके हरित दीपावली (Green Diwali) मनाने का संकल्प लेना चाहिए जो कि हमारे द्वारा प्रकृति (Nature) को दिया जा सकने वाली सबसे बड़ी भेंट होगी।


5. प्रदूषण (polution) के कारण ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी कुछ राज्यों में पटाखों (Cracker) के उपयोग को लेकर या तो समय सीमा तय कर दी गयी है या फिर इसे पूर्ण रुप से प्रतिबंधित (Ban) कर दिया गया है पर कई लोग सुप्रीम कोर्ट (Supreme court of India) के इस फैसले को भी धार्मिक रंग देने लग जाते है, ऐसे लोगों को हमें समझाना होगा कि छोटे-छोटे फैसलों से ही बड़े परिवर्तन प्राप्त होते हैं। लोगों में जागरूकता लाकर ही हम पटाखों (Cracker) के प्रतिबंध को सफल बना सकते हैं।


इसे भी जरूर पढ़ें Diwali Best Wishes, Happy Diwali 2022 in English


विदेशों में दिवाली का त्यौहार (Diwali festival in abroad)-


मलेशिया (Malesia) -


दीपावली (Diwali) के पर्व पर मलेशिया में भारत (india) की तरह सार्वजनिक अवकाश (Holiday) घोषित किया जाता है। यहां पर सभी धर्मों के लोगों द्वारा मिलकर इस त्यौहार (Festival) को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार के दिन सभी लोगों द्वारा सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है और पूरे दिन भर लोग अच्छे खाने का आनंद उठाते हैं और एक दूसरे से मिलते है। दीपावली (Deepawali) के इस त्यौहार को मलेशिया (Malesia) में सामाजिक सद्भावना के रूप में मनाया जाता है।

 

संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) -


अमेरिका (America) में भी भारतीय (Indian) मूल के बहुत से लोग बसे हुए हैं, इसलिए वहां पर भी दीपावली (Diwali) के त्यौहार को उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। सन 2003 में अमेरिका के व्हाइट हाउस (White House) में पहली बार दीपावली (Diwali) का त्यौहार मनाया गया था। उसके बाद से लगभग पूरे अमेरिका (America) ने इस त्यौहार को अपना लिया।

 

नेपाल (Nepal) -


हमारे देश का पड़ोसी देश नेपाल (Nepal) एक छोटा सा देश है। जहाँ पर हमारी दीपावली के पर्व के दिन ही नव वर्ष (New year) मनाया जाता है। नेपाल में दीपावली को ‘तिहार’ (tihar) या ‘स्वन्ति’ (Swanti) के रूप में जाना जाता है । वहां पर भी इसे 5 दिनों तक मनाया जाता है। इस पर्व पर यहां के लोग दान धर्म करते हैं और पशु पक्षियों को भी खाना खिलाते है।

 

सिंगापुर (Singapore)-


सिंगापुर में दीपावली (Deepawali) के त्यौहार के उपलक्ष में राजपत्रित अवकाश (Gazetted Holiday) होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लोग रहते हैं, जो दीपावली के त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाते है। दीपावली (Deepawali) के त्यौहार पर सिंगापुर के बाजारों में भी रौनक देखने को मिलती है। यहां पर भी भारतीय बाजारों (indian Market) की तरह ही सजावट की जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है। सिंगापुर सरकार द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रम (Cultural activities) आयोजित करवाए जाते है।

 

मॉरीशस (Morisas)-


इस देश की लगभग 44% आबादी (Population) भारतीय (Indian) लोगों की है। जिसके कारण यहां पर हिंदू संस्कृति (Hindu culture) बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है। साथ ही यहां पर दीपावली के त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। इस देश में हिंदी भाषा (Hindi language) भी बोली जाती है।

 

श्रीलंका (Srilanka) -


श्रीलंका में भी दीपावली (Diwali) के त्यौहार के उपलक्ष में सार्वजनिक अवकाश होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल लोग अधिक मात्रा में रहते हैं। जिसके कारण यहां पर भारतीय संस्कृति (Indian Culture) की झलक देखने को मिलती है. यहां पर भी दीपावली (Diwali) को खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दीपावली (Diwali) के दिन यहां पर महालक्ष्मी की पूजा की जाती है और चारों तरफ मोमबत्तियां और दीपक जलाए जाते है।


इसे भी जरूर पढ़ें Happy Diwali quotes in hindi


अंत में (conclusion)-


दीपावली (Deepawali) पर्व है अपने अंदर के अंधकार को मिटा कर समूचे वातावरण (environment) को प्रकाशमय बनाने का। दीपावली हिंदूओं का प्रमुख पर्व है। यह पर्व पूरे भारत देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली (Diwali) के दिन घरों में दिए, दुकानों तथा प्रतिष्ठानों पर बहुत सारी सजावट (Decoration) की जाती है और दिए जलाए जाते हैं। बाजारों में खूब चहल-पहल होती है। इस दिन पकवानों तथा मिठाइयों (Sweets) की खूब बिक्री होती है। बड़े और बच्चे आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं।


हमें इस बात को समझना होगा कि दीपावली (Deepawali) के त्यौहार का अर्थ दीप, प्रेम और सुख-समृद्धि से है, ना कि पटाखों से। इससे हम प्रदूषण (Pollution) से बचा जा सकता है।


इस त्यौहार ( Festival) से हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा (Motivation) मिलती है। यह त्यौहार हमें सिखाता है कि कभी भी अंधकार से नहीं डरना चाहिए क्योंकि एक छोटे से दीपक की लौ भी काले अंधकार को प्रकाश में बदल सकती है। इसलिए हमें हर समय अपने जीवन में आशावादी रहना चाहिए और अपने जीवन में हमेशा खुश (Happy) रहना चाहिए।


दीपावली का त्यौहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्यौहार से सभी के जीवन में खुशियाँ ,(Happiness) आती है। इसी त्यौहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है।

 

दोस्तो आशा करता हूं कि ये लेख (Article) आपको पसंद आया होगा। यदि आप कोई सुझाव देना चाहते है तो जरूर भेजे। 


इसे भी जरूर पढ़ें Diwali Best Wishes, Happy Diwali 2022 in English

Post a Comment

0 Comments