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एक प्रेरणा-सबसे बड़ा रोग, क्या कहेंगे लोग ! Motivation-Sabse bada Rog kya kahenge Log.

एक प्रेरणा-सबसे बड़ा रोग, क्या कहेंगे लोग ! 

Motivation-Sabse bada Rog kya kahenge Log.


"जीवन में सफल और खुश रहना है तो  एक काम कर लो,
लोग क्या सोचेंगे या लोग क्या कहेंगे सोचना छोड़ दो।"

लोग क्या कहेंगे ? इसे ही सोचकर हम अपनी इच्छाओं का गला घोंटते आए है। प्रमोशन हुआ पार्टी नहीं दी तो लोग क्या कहेंगे ? शादी में लिफाफे में 100 का नोट मत डालो नहीं तो लोग क्या कहेंगे ? उससे मत मिलो नहीं तो लोग क्या कहेंगे ? उसके साथ मत हंसो नहीं तो लोग क्या कहेंगे ?  ऐसे ही वाक्यों को सुन-सुनकर कान पक गए है ।

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जी हां दोस्तों ये बात आप को मान लेना चाहिए कि अगर आप दूसरों कि बातों को दिल में रखकर चलेंगे कि लोग क्या कहेंगे या लोग क्या सोचेंगे ? तो आप जीवन में खुश रहना या सफल नहीं हो सकते है । आपको उन्हें ignore करना ही पड़ेगा जो आपके ऊपर टिका-टिप्पणी करते है।

"दुनिया में सबसे ज्यादा सपने तोड़े है,
इस बात ने की 'लोग क्या कहेंगे?'"

हम अक्सर अपने किसी काम को शुरू करने से पहले ही हार मान लेते है, सिर्फ यही सोचकर कि अगला व्यक्ति क्या सोचेगा ? इसके लिए  कुछ उदाहरण देना चाहूँगा।

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एक दिन एक आदमी और उसकी पत्नी साथ में एक गधा लिए कहीं जा रहे थे । दोनों पति-पत्नी पैदल जा रहे थे कि रास्ते में एक गांव आया, जहां कुछ लोगो ने उन्हें देखते हुए कहा कि "ये दोनों कितने बेवकूफ़ है, जो खुद पैदल जा रहे है और गधा खाली जा रहा है।"

उनकी बातों को सुनकर आदमी ने सोचा की अपनी बीबी को गधे पर बैठा देता हूँ। और फिर उसने ऐसा ही किया। कुछ दूर चलने के बाद एक आदमी रास्ते में मिला और उन्हें देखकर बोला कि "ये देखो जोरू का ग़ुलाम है जो खुद पैदल और अपनी बीबी को बैठा कर ले जा रहा है।"

फिर आदमी ने सोचा कि मैं गधे पर बैठ जाता हूं और बीबी को पैदल कर देता हूँ। जब कुछ दूर चला तो फिर रास्ते के एक व्यक्ति ने कहा कि "ये कितना ख़ुदग़र्ज़ इंसान है जो बीबी को पैदल और अपने आप गधे पर बैठकर जा रहा है।" इतना सुनने के बात आदमी ने सोचा क्यों न हम दोनों ही गधे पर बैठ कर चले तब तो कोई कुछ नहीं बोल पाएगा।

अब दोनों पति-पत्नी गधे पर बैठकर जाने लगे। कुछ दूर चलने के बाद रास्ते में फिर वही बात दूसरों से सुनने को मिला कि "ये कैसे लोग है जो दोनों गधे के ऊपर बैठे हुए है, बेचारे जानवर के ऊपर उनको कोई दया नहीं आ रही है।" इसके बाद तो फिर दोनों आदमी और औरत नीचे उतर कर गधे को ही सिर पर उठाकर चल दिए ।

"जिंदगी  में आप जो करना चाहते है उसे ज़रूर कीजिए ,
ये मत सोचिए की लोग क्या कहेंगे,
क्योंकि जब आप कुछ भी नहीं करेंगे तब भी लोग कहेंगे।"

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यही होता है अगर आप दूसरों के कहने या सोचने पर ध्यान देंगे । आपने जो सोच लिया करने के लिए उसे कर दीजिए । ये मत सोचिए कि क्या कहेंगे लोग? आप अपने जीवन में खुशहाली पाने के लिए जो अच्छा लगे उसे कीजिए। 

आप अपने घर या रिस्तेदारो को ही ले लीजिए। अगर आप मिडल क्लास के व्यक्ति है और बड़े लोगो के पार्टी में जाना है। तो कैसे कपड़े, ज्वेलरी, जुते, सैंडिल आदि को पहनना है इस बात का टेंशन हो जाता है। साथ में यह भी सोचते है कि कहीं मेरा पहनावा सस्ता हो गया तो लोग क्या कहेंगे? चलो आपने कैसे भी करके अच्छी व्यवस्था कर लिया। पार्टी में किसने आपके जुते देखे या किसने आपके कपड़े देखे? किसी को फ़ुरसत कहां । क्योंकि सब तो इसी में व्यस्त है की मेरा कपड़ा, मेरी ज्वेलरी कोई देख रहा है की नहीं। उनको दूसरे का देखने मे कोई इंटरेस्ट नहीं। जब आप टेंशन में ही रहे तो फिर काहे की पार्टी और काहे की मस्ती। आपका ध्यान तो सिर्फ इस बात पर है की क्या कहेंगे लोग ?

अपने व्यवसाय के क्षेत्र में ही ले लीजिए। आप कोई व्यापार है उसमे कोई घाटा हो गया। आपके पास पुरखों की ढेर सारी संपत्ति पड़ी है लेकिन आप उसमे से हांथ नहीं लगा सकते क्योंकि आपको ये डर सताए जा रही है कि लोग क्या कहेंगे? लोग सोचेंगे की इसने तो कुछ किया नहीं और पुरखों कि संपत्ति भी बेच दी। डर है कि लोगो के सोचने और कहने से आप की इज़्ज़त चली जाएगी।

भले ही जीवन घुट-घुट के कटे और फिर ऐसा ही रहा तो आदमी डिप्रेशन का शिकार भी हो जाता है , यही नहीं कभी कभी तो आत्महत्या जैसे कदम उठा लेता है । लेकिन हमें तो ये चिंता सताती है कि लोग क्या कहेंगे ? और लोग क्या सोचेंगे ? अरे कौन है वो लोग जो आपकी ख़ुशियों से बढ़कर है,कौन है वो लोग जो आपकी सफलता से बढ़कर है, आखिर कौन है वो लोग जो आपकी जिंदगी से बढ़कर है ।

"खुद को काटकर रख दोगे, तो भी ये दुनिया आपसे खुश नहीं होगी,
इसलिए वह करो जो मन चाहे न की जो दुनिया चाहे,
 क्योंकि दुनिया को बदलते वक़्त नहीं लगता है। "

Motivation-Sabse bada Rog kya kahenge Log.

सारांश -

आज के इतने बिज़ी लाइफ में किसके पास इतना समय की दूसरे के बारे में सोचे कि उसने क्या पहना है, क्या खाया है, कैसा दिखता है, किससे मिलता है, क्या काम करता है , कैसा काम करता है । ये सब तो सिर्फ हम अपने बारे में सोचते है की अगला क्या सोचेगा। एक ही जिंदगी मिली है इसे जी लीजिए क्यों बेकार के बातों में उलझ कर अपनी जिंदगी को बे जान बना रहे है। दोस्तों जीवन में याद रखिए कि जो आपको अच्छा लगता है, जिससे आपको खुशी मिलती है उसे कीजिए । दूसरों पे ध्यान मत दीजिए कि क्या कहेंगे लोग ?

"चार रिश्तेदार एक ही दिशा में तब चलते है
जब पांचवा व्यक्ति कंधे पर होता है ,
पूरी जिंदगी हम इसी बात में गुजार देते है
की चार लोग या हमारे रिश्तेदार क्या कहेंगे ,
और होता क्या है अंत चार लोग कहते है राम नाम सत्य है। "

 दोस्तों आशा करता हूँ कि ये आज का टॉपिक जो कि सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग ? आपको ज़रूर पसंद आया होगा। आपसे आशा भी है कि आप कमेंट्स बॉक्स में कमेंट्स भी ज़रूर करें। धन्यवाद।

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