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अपना लक्ष्य स्वयं निर्धारित करे । Set your own goal.


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" भीड़ हमेशा उस रास्ते पर चलती है जो रास्ता आसान लगता है,
 लेकिन इसका मतलब ये नहीं की भीड़ हमेसा सही रास्ते पर ही चले। 
अपने रास्ते खुद चुने,  क्योंकि आपको आपसे बेहतर और कोई नहीं जनता। "

Hi दोस्तों मै Ram Maurya आपके लिए एक ज्ञानवर्धक और रोचक कहानी के साथ आया हु जो आपको आनंद के साथ साथ आपका मार्गदर्शन भी करेगा।  आज आपको इस कहानी के माध्यम से बताने /समझाने की कोशिश करता हूं कि अपने जिंदगी में खुश रहना है तो आप अपना लक्ष्य (Goal) या कैरियर (Carrier) खुद से निश्चित करे ना कि किसी अन्य के द्वारा। क्योंकि आप अपने आप को जितने अच्छे तरीके से जानते है की आप को क्या पसंद है ? कैसा काम करना चाहते है? किस सेक्टर में जाना चाहते है ? कौन सा काम आप बहुत अच्छे और दिल लगाकर कर सकते ? किस काम को करने में आपको ख़ुशी मिलती है ? इन सब बातों को आपसे ज्यादा आपके बारे और भला कैसे अच्छे से जान सकता है। 

एक बार एक डॉक्टर बहुत ही महान सर्जन बन जाता है। इतना महान की उसे देश के सर्जन का प्रेसिडेंट/अध्यक्ष बना दिया जाता है। यह एक तरफ से बहुत बड़ी बात थी जिसको लेकर उस सर्जन डॉक्टर के घर बहुत बड़ी पार्टी मनाई जा रही थी। इतनी बड़ी बात और इतनी बड़ी उपलब्धि मिलने के बाद भी वो डॉक्टर खुश नहीं था। इसकी क्या वजह थी की वो खुश नहीं था? उसे उदास देख कर कुछ दोस्तों ने आकर उनसे पूछा: “तुमने इतनी बड़ी उपलब्धि प्राप्त की है जिसके बारे में कोई दूसरा सपने में भी नहीं सोच सकता।  तुम इतने बड़े सर्जन बन चुके हो फिर भी इतने उदास क्यों हो ?”

अपना लक्ष्य स्वयं  निर्धारित करे ।  Set your own goal.

how-to-set-your-goal-in-hindi-success-tips-for-studentsउस डॉक्टर ने कहा:जो उपलब्धि मैंने प्राप्त की है, मैं आज एक सर्जन का प्रेसिडेंट हु, लेकिन मुझे ये नहीं बनना था। इसमें मुझे कोई भी रूचि नहीं हैं, वास्तव मैं कभी भी सर्जन बनना ही नहीं चाहता था लेकिन अब मै इससे निकल भी नहीं सकता हु. अगर मैं असफल हो गया होता तो सायद मेरे पास एक और मौका होता जिसमे मैं वो कर सकता था जिसमे मुझे रूचि है। अब मै एक ऐसी चीज से बंध गया हु जिसमे मुझे कोई मज़ा ही नहीं आता है। इस काम को करने में मुझे कोई ख़ुशी नहीं मिलती है। इन कामो को करने में मेरा मन नहीं लगता है” ये बात सुनकर उस डॉक्टर के सभी दोस्तों ने कहा कि क्या तुम मजाक कर रहे हो ? देश के सबसे बड़े प्रेसिडेंट होना कितनी आदर की बात होती है।  तुम्हारी बीवी खुश है, तुम्हारे बच्चे खुश हैं, हर कोई खुश है और समाज में तुम्हारी बहुत इज़्ज़त भी बन गई है. हर कोई तुम्हारा सम्मान कर रहा है। फिर भी तुम ऐसी बाते कर रहे हो। आखिर तुम्हारा सपना क्या था ? तुम क्या बनना चाहते थे जिसके लिए आज भी इतना उदास हो रहे हो। अपने दोस्तों की जानने की उत्सुकता को देखकर उस डॉक्टर ने अपने बारे में बताना शुरू किया। 


उस डॉक्टर ने कहा:  “सभी लोग मेरा सम्मान तो कर रहे है, लेकिन मैं अपना सम्मान नहीं करता। मैं बस लोगो की नजरो में उठ गया हु लेकिन मैं खुद की नजर में नहीं। मुझे एक डाँसर बनना था. लेकिन मेरे माता-पिता, मेरे घर वाले सभी इसके खिलाफ थे। घर वालो का कहना था की मै बायोलॉजी लेकर पढाई करू और आगे चलकर एक बड़ा डॉक्टर बनु। मै बहुत दुबिधा में पड़ा रहा की अब क्या करू अपने मन की करू या अपने घर वालो की बा मान कर उनके बनाये लक्ष्य को अपना लक्ष्य बना कर आगे चालू।  इन्ही सब असमंजस को लेकर मै काफी दिनों तक चिंतित भी रहा लेकिन मै डर के मारे अपने परिवार से अपनी इच्छा के बारे में अपने खुद के लक्ष्य के बारे में नहीं बताया। इस तरह से मैंने घर वालो की सुन ली। मैं कमजोर था मुझमे उस वक्त घर वालो से लड़ने की शक्ति नहीं थी। मैंने घर वालो की बात मान ली और पढ़ लिख कर एक महान सर्जन बन गया। लेकिन मेरे डाँसर बनने की इच्छा अधूरी रह गई.  आज भी मुझे डांसर बनने की इच्छा होती है लेकिन अब वो वक्त नहीं रहा।  मेरे हाथ से वो वक्त चला गया। जिस वक्त मै घर वालो से लड़ कर, हिम्मत कर के डांसर बनने का करियर चुन सकता था । मेरे पास वो हिम्मत उस वक्त नहीं थी। उस दौरान शायद मै थोड़ी हिम्मत करके अपनी बात उनके सामने रखता तो शायद मै अपने सपने पुरे कर लिया होता।  जो मेरी चाहत थी उसे बखूबी खुश दिल से पूरा कर रहा होता।" 

अपना लक्ष्य स्वयं  निर्धारित करे ।  Set your own goal.

दोस्तों ये बिलकुल सत्य बात है की आप को अपने लक्ष्य को खुद चुनना चाहिए और यदि घर वाले आपको दबाव दे या फिर दूसरे काम के लिए कहे तो हिम्मत जूता कर अपनी  सामने जरूर रखे। वर्ना पूरी जिंदगी उस डॉक्टर की तरह खुद को कोश्ते रह जाओगे।  जब एक बार समय हाँथ से निकल जायेगा फिर आपके हाँथ में कुछ नहीं रहेगा। अगर रहेगा तो सिर्फ और सिर्फ पछतावा। 

अपना लक्ष्य स्वयं  निर्धारित करे ।  Set your own goal.

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इसी तरह से कई फिल्मों में भी आपको देखने को मिलेगा की अपने लक्ष्य को आप खुद ही निर्धारित करें जिससे आपके सफलता के आसार ज्यादा होते है।  खुछ नहीं तो आप कम से कम जिंदगी भर ख़ुशी से तो रहेंगे।  अपने को कोसेंगे तो नहीं। आपने थ्री इडियट (3 idiot ) फिल्म देखी होगी। इस फिल्म में भी ठीक यही बात बताई गयी है की कैरियर जो आपको पसंद हो वही चुनो , ना की अपने परिवार वालो की पसंद या दोस्तो की पसंद या पड़ोसी को देखकर। अपने पसंदीदा लक्ष्य को ही अपने लिए निर्धारित कीजिये दूसरे को देखकर या सुनकर लक्ष्य कभी नहीं चुनना चाहिए, नहीं तो पूरी जिंदगी में सिर्फ पछतावा ही रह जाता  है।

ऊपर के दो उदहारण तो मात्र यहाँ आपको समझने के लिए दिया गया है।  इस प्रकार के पता नहीं कितने लोग दुनिया में मौजूद है जिन्हे अपने लक्ष्य निर्धारण के बारे में पता ही नहीं था।  वे लोग किसी दूसरे या अपने माता-पिता  लसक्यो को ही अपना कर चले हुए है , सफलता भी हासिल किये हुए है लेकिन दिल में कही नहीं ये खटक जरूर रहती होगी की शायद अपने खुद के लक्ष्य प् होता तो कितना अच्छा होता। वो इस समय इतने खुश नहीं होंगे जितना अपने खुद के लक्ष्य के लिए खुश होते। 

दोस्तों जिन्होंने अपना समय खो दिया और वो पछता रहे है, उनके बारे में अब कुछ भी कहने से फायदा नहीं लेकिन अभी आपके पास जरूर समय है की आप अपना लक्ष्य खुद ही निर्धारित करें और जिंदगी भर पछताने से बचे। 


" अगर आप उन बातों एवं परिस्थितियों की वजह से चिंतित हो जाते,
 जो आपके नियंत्रण में नहीं , 
तो इसका परिणाम समय की बर्बादी एवं भविष्य पछतावा है। "

इस आर्टिकल से यह सिखने को मिलता है कि अगर किसी दूसरे के मन से अपना करियर चुना है तो आपको अपने जीवन उस वक्त के गुज़र जाने के बाद सिर्फ और सिर्फ पछतावा ही मिलता है।  इसलिए पछताने से अच्छा है कि आपको समय पर ही यह तय कर लेना चाहिए की हमें क्या करना चाहिए। हमें न तो किसी के कहने पर अपना करियर तय करना चाहिए और न ही किसी को देख कर।  हमें अपना करियर खुद तय करना चाहिए l  क्योंकि आपको आपसे अच्छे तरीके से कोई नहीं जनता है, तो आपसे अच्छे तरीके से आपका करियर भी कोई तय नहीं कर सकता।

आपको अगर  आर्टिकल अच्छा लगा हो तो  को भी शेयर करें और कमैंट्स बॉक्स में कमेंट्स जरूर करे।  ऐसा करने मेरा मनोबल बढ़ता है।  जिससे आप लोगो के लिए समय समय पर मोटिवेशनल आर्टिकल लेकर आता रहूँगा।  एक बात और अगर आप को किसी टॉपिक  चाहिए तो आप कमैंट्स बॉक्स में जरूर बताये मै आप के लिए उसी टॉपिक पर आर्टिकल लेकर आऊंगा।

याद रखिये -

"अपने सपनो को जिन्दा रखिये। 
अगर आपके सपनो की चिंगारी बुझ गयी है ,
तो इसका मतलब यह है की,
 आपने जीते जी आत्महत्या कर ली है। "


अपना लक्ष्य स्वयं  निर्धारित करे ।  Set your own goal.





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